डीएनए हिंदी: भारत के गुरुराज पुजारी ने भारत को दूसरा पदक दिला दिया है. उन्होंने वेटलिफ्टिंग की 61 किग्रा भारवर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हुए कांस्य पदक जीता. पहले स्नैच के प्रयास में 115 किग्रा का वजन उठाया है और दूसरी कोशिश में उन्होंने 118 किग्रा को सफलतापूर्वक उठाया. तीसरे लिफ्ट में उन्होंने 120 किग्रा का वजन उठाने की कोशिश की लेकिन असफल रहे. स्नैच राउंड के बाद भारतीय वेटलिफ्टर चौथे स्थान पर रहे. हालांकि क्लीन एंड जर्क में उन्होंने वापसी की और 151 किग्रा का भार उठाकर कांस्य पदक पर कब्जा कर लिया. ये भारत का दूसरा पदक है.
उन्होंने पदक जीतने के बाद कहा कि ये मेडल मैं अपनी पत्नी को डेडिकेट करना चाहता हूं. मेरी नई शादी हुई थी, उसके बाद में 23 महीने अपनी पत्नी से अलग रहा, कड़ी मेहनत की और उसके बाद ही यहां तक आया हूँ.. पिछले गेम्स में भी सिल्वर जीता था. गुरुवार देर रात को भारतीय दल की अगुवाई करने वाली पीवी सिंधु और मनप्रीत सिंह ने ओपनिंग सेरेमनी में भारत का झंड़ा लहराया और इसके साथ ही औपचारिक रूप से खेलों का उद्घाटन शुरू हो गया. भारतीय टीम में शामिल प्रत्येक एथलीट उस झंडे को पोडियम पर उठाना चाहता है और इसी इरादे से पूरा दल बर्मिंघम पहुंचा है. इस दल में एक ऐसा एथलीट भी है, जिसकी कहानी किसी फिल्म जैसी है.
CWG 2022: संकेत महादेव सरगर ने जीता देश का दिल, नम आंखों से बताया क्यों नहीं आया गोल्ड
भारतीय पुरुष वेटलिफ्टर गुरुराज पुजारी भी बर्मिंघम गोल्ड जीतने के इरादे से पहुंचे थे. 5 फुट 1.5 इंच की हाइट वाले इस एथलीट को ओपनिंग सेरेमनी में ढूंढना मुश्किल था लेकिन पुजारी पोडियम पर स्थान हासिल करने के लिए बेकरार दिखे. कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले शायद ही आपने इस एथलीट का नाम सुना होगा. एक गरीब परिवार में जन्में गुरुराज के पिता ट्रक ड्राइवर हैं. गुरुराज ने गोल्ड कोस्ट खेलों में सिल्वर जीता था, बावजूद उसके, उन्हें उतनी फेम नहीं मिली. गुरुराज के यहां तक पहुंचने की कहानी एक दम फिल्मी है.
गुरुराज ने साल 2008 में आयोजित बीजिंग ओलंपिक में सुशील कुमार का मेडल देखकर खेल में करियर बनाने का मन बनाया. सुशील को देखकर उन्होंने पहले कुश्ती में हाथ आजमाया और आखाड़े में जाना शुरू कर दिया. लेकिन स्कूल में खेल के टीचर ने सलाह दी और वह वेटलिफ्टर बन गए. छोटे कद की वजह से उन्हें आर्मी से रिजेक्ट कर दिया गया. लेकिन एयरफोर्ट में कद कि रियायत की वजह से उन्हें नौकरी मिल गई. गुरुराज अच्छी लय में हैं और उन्होंने पिछले साल दिसंबर में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था. उन्होंने वहां 265 किलोग्राम का वजन उठाया था.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
CWG 2022: नई शादी के बावजूद गुरुराज 23 महीने पत्नी से रहे दूर, कड़ी मेहनत की और भारत के लिए जीता पदक