डीएनए हिंदी: 28 जुलाई से Commonwealth Games शुरू हो रहे हैं और वो खिलाड़ी इस बार भाग नहीं ले पाएंगे, जिन्होंने भारत को सबसे अधिक पदक दिलाए हैं. दुनियाभर के निशानेबाज़ इस बार बर्मिंघम में एक्शन में नहीं दिखेंगे. साल 2019 में कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन की बैठक में निशानेबाज़ी को हटाने का फैसला लिया गया. हालांकि भारत ने इसका विरोध भी किया. निशानेबाज़ी एक ऐसा स्पोर्ट है, जिसने कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को सबसे ज्यादा पदक दिलाए हैं. हालांकि दूसरे स्थान पर पहलवानों का नंबर आता है और तीसरे स्थान पर भारतीय वेटलिफ्टर्स हैं. राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को पहला पदक 1934 में मिला था. ब लंदन में राष्ट्रमंडल खेलों के दूसरे संस्करण आयोजन हुआ.

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राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने पहली बार लंदन में ही भाग लिया था. पहली बार इन खेलों का आयोजन कानाडा के हैमिंटन शहर में हुआ था. लंदन में राशिद अनवर ने कुश्ती में भारत को कांस्य के रूप में पहला पदक दिलाया. तब इसे राष्ट्रमंडल खेलों के बजाय ब्रिटिश एंपायर गेम्स कहा जाता था. 1978 में इन खेलों का नाम बदलकर राष्ट्रमंडल खेल या कॉमनवेल्थ गेम्स कर दिया गया. तब से अब तक इन खेलों को इसी नाम से जाना जाता है. साल 2010 में भारत को पहली बार इन खेलों की मेजबानी मिली और राजधानी दिल्ली में खेलों का आयोजन हुआ. भारत ने यहां अब तक का शानदार प्रदर्शन किया और 38 गोल्ड सहित कुल 101 पदक जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया.

63 गोल्ड पर निशाना लगा चुके हैं निशानेबाज़

भारतीय निशानेबाज़ों और पहलवानों ने यहां पदकों की झड़ी लगा दी. निशानेबाज़ी में भारत ने 30 पदक जीते, जिसमें 14 गोल्ड मेडल थेवहीं कुश्ती में भारत के 21 में से 19 पहलवानों ने पदक जीते, जिसमें 10 गोल्ड मेडलिस्ट थे. भारत ने शूटिंग में अब तक सबसे अधिक 63 गोल्ड सहित 135 पदक जीते हैं. साल 2018 के संस्करण में भी भारतीय निशानेबाज़ों ने पदक पर शानदार निशाना लगाया था और 7 गोल्ड सहित 16 पदक जीते थे. हालांकि इस बार किसी भी देश के निशानेबाज़ पदक जीतने के लिए बर्मिंघम नहीं जा रहे हैं. ऐसे में भारत की पदक झोली में पदकों की संख्या कम हो सकती हैं. लेकिन IOA के महासचिव राजिव मेहता ने भरोसा जताया है कि भारत ने अब तक की सबसे मजबूत दल को राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भेजा है, जिनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद हैं.

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आपको बताते चलें कि हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान भी लगातार इन खेलों में भाग लेता रहा है. हालांकि भारत के प्रदर्शन के सामने वो कहीं नहीं टिकता. पाकिस्तान ने अब तक 21 में से 13 खेलों में भाग लिया है और 25 गोल्ड सहित 75 पदक जीते हैं, जिसमें से 42 पदक कुश्ती में आएं हैं. उसकी तुलना में भारत ने सिर्फ पिछले तीन खेलों में 79 गोल्ड मेडल जीत लिए हैं. जबकि सभी संस्करणों को मिलाकर भारत ने सिर्फ रेसलिंग में 43 गोल्ड जीते हैं. इस महीने बर्मिंघम में 28 जुलाई को राष्ट्रमंडल खेलों का उद्घाटन समारोह है और 29 से गेम्स शुरू होंगे. उम्मीद करते हैं कि भारत इस बार सबसे अच्छा प्रदर्शन करें.

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These athletes, who won India the most medals in Commonwealth Games, will not perform in Birmingham
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शूटिंग में भारत ने अब तक 63 गोल्ड सहित 135 पदक जीते हैं
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बर्मिंघम में नहीं प्रदर्शन करेंगे ये एथलीट

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भारत को दिला चुके हैं 63 स्वर्ण पदक लेकिन बर्मिंघम में नहीं करेंगे प्रतिस्पर्धा