डीएनए हिंदी: देशभर के युवा पहलवानों की नजर में बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) और साक्षी मलिक (Sakshi Malik) जैसे ओलंपिक पदक विजेता का कद उस समय छोटा हो गया, जब सरकार ने इन्हें एशियन गेम्स (Asian Games 2023) में ट्रायल्स में छूट दी. हालांकि साक्षी मलिक ने अब सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे एक साजिस करार दिया है. रियो ओलंपिक 2016 की पदक विजेता साक्षी मलिक ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने एशियन गेम्स के ट्रायल में छूट की मांग कभी नहीं की थी हालांकि आईओए की तदर्थ समिति ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की तरह उन्हें भी इसकी पेशकश की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि बजरंग और विनेश को ट्रायल से छूट देने की पेशकश सरकार द्वारा पहलवानों की एकता तोड़ने की कोशिश है.
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साक्षी, विनेश और बजरंग ने डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर प्रदर्शन की अगुवाई की थी. सिंह को गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत से जमानत मिल गई. अमेरिका में अभ्यास कर रही साक्षी ने कहा ,‘‘ आप सभी को पता है कि हमने एशियाई खेलों की तैयारी के लिये सरकार से अतिरिक्त समय मांगा था. हमने ट्रायल दस अगस्त के बाद कराने का अनुरोध किया था. सरकार ने हमें समय भी दिया जिसके बाद हम यहां अभ्यास के लिये आये.’’
ट्रायल्स में खेलकर टूर्नामेंट्स में जाना चाहती हैं साक्षी
उन्होंने कहा ,‘‘ पिछले तीन चार दिन में पता चला कि दो भारवर्गों में सीधे प्रवेश दिया जा रहा है.’ मुझे भी ईमेल करने के लिये कहा गया था ताकि मेरे नाम पर भी विचार हो लेकिन मैने मना कर दिया. मैं ट्रायल के बिना नहीं जाना चाहती. मैं किसी भी टूर्नामेंट में कभी ट्रायल के बिना नहीं गई और आगे भी नहीं जाऊंगी. हमने बस ट्रायल के लिये अतिरिक्त समय की मांग की थी.’’ उन्होंने कहा ,‘‘ मैं इतना ही कहना चाहती हूं कि सभी को चयन का मौका मिलना चाहिये.’’ इससे पहले एक ट्वीट में उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने दोनों को सीधे प्रवेश देकर पहलवानों की एकता तोड़ने की कोशिश की है.
देशभर के युवा पहलवान कर रहे हैं छूट का विरोध
इससे पहले एशियन गेम्स में ट्रायल्स में छूट के विरोध में आईओए मुख्यालय पर कई युवा पहलवानों ने प्रदर्शन किया. हरियाणा के हिसार में विरोध प्रदर्शन करने के एक दिन बाद कई जूनियर पहलवान, उनके माता-पिता और कोच गुरुवार को यहां भारतीय ओलंपिक संघ के मुख्यालय पहुंचे और एशियाई खेलों के ट्रायल से विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को दी गई छूट वापस लेने और निष्पक्ष ट्रायल कराने की मांग की. उन्होंने साथ ही कहा कि जब तक यह छूट वापस नहीं ली जाती, तब तक वे मुख्यालय से नहीं हटेंगे. पहलवानों के परिजनों सहित लगभग 100 लोग आईओए महासचिव कल्याण चौबे से निष्पक्ष ट्रायल सुनिश्चित करने की मांग कर रहे थे.
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आईओए अधिकारियों ने अपने साथियों के साथ एक दौर की बैठक के बाद विरोध कर रहे लोगों से मुलाकात की और उन्हें समर्थन देने का आश्वासन दिया. पंघल के पिता राम निवास ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं और मेरी पत्नी यहां हैं और अंतिम की दादी भी यहां है. योगेश्वर (दत्त) भी हमारा समर्थन कर रहे हैं. हमने कल्याण चौबे से मुलाकात की और स्पष्ट किया कि किसी को भी कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए. जब तक यह छूट वापस नहीं ली जायेगी, हम इस जगह को नहीं छोड़ेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘चौबे ने हमें कहा कि अब यह मामला अदालत में है तो वे इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि वे फैसला करने की स्थिति में नहीं हैं. अगर अदालत आपके पक्ष में फैसला नहीं करती है तो आईओए एक बैठक करेगा और आपकी मदद की कोशिश करेगा."
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ट्रायल्स में मिली छूट पर साक्षी मलिक का बड़ा खुलासा, सरकार पर लगाया ये गंभीर आरोप