Paris Paralympics 2024 में 22 साल की अवनि लेखरा ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया है. महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (SH1) इवेंट में उन्होंने गोल्ड मेडल जीतकर टोक्यो पैरालंपिक 2020 में जीते अपने खिताब को फिर से बरकरार रखा है. अवनि ने 249.7 स्कोर के साथ नया पैरालंपिक रिकॉर्ड भी बना दिया है. इस जीत ने उन्हें लगातार दो पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला बना दिया. व्हीलचेयर का यूज करते हुए भी अवनि की इस जीत की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणा है, जो बताती है कि मुश्किल हालात में भी हिम्मत बनाए रखने से क्या हासिल हो सकता है.
जिंदगी का बड़ा मोड़
अवनी लेखरा जयपुर, राजस्थान से हैं. उनका जन्म 8 नवंबर 2001 को हुआ था. साल 2012 में जब अवनि सिर्फ 11 साल की थीं, तब उनका एक कार एक्सीडेंट हो गया था, जिसने उनकी जिंदगी बदल दी. इस हादसे में उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट लगी, जिससे उन्हें पैरालिसिस हो गया और वे चलने-फिरने के लिए व्हीलचेयर पर आ गईं. ये दौर उनके लिए बहुत मुश्किल था. इस हादसे ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से तोड़ दिया, लेकिन उनके माता-पिता ने उनका हौसला बढ़ाया रखा और खेलों से जोड़ने की कोशिश की. हादसे के तीन साल बाद, 2015 में, उन्होंने शूटिंग को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाने का फैसला किया. जयपुर के जगतपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में उन्होंने शूटिंग की प्रैक्टिस शुरू की. खेलों के साथ-साथ अवनी पढ़ाई में भी बहुत अच्छी हैं.
शूटिंग की शुरुआत
अवनि लेखरा को शूटिंग में दिलचस्पी तब हुई जब उनके पिता उन्हें एक शूटिंग रेंज में लेकर गए. वहां से अवनि ने ठान लिया कि वो इस खेल में आगे बढ़ेंगी. शुरुआत में उन्हें बंदूक उठाने में भी दिक्कत होती थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार प्रैक्टिस करती रहीं.
पैरालंपिक में जीत
अवनि की कड़ी मेहनत का फल तब मिला जब उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक 2020 में 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में गोल्ड मेडल जीता. इसके बाद, पेरिस पैरालंपिक 2024 में उन्होंने फिर से गोल्ड मेडल जीता और ये साबित कर दिया कि वो वाकई में भारत की सबसे सफल पैराशूटर हैं और उनकी जीत एक संयोग नहीं, बल्कि उनके कड़ी मेहनत का रिजल्ट है.
दूसरी उपलब्धियां
अवनि ने केवल पैरालंपिक में ही नहीं, बल्कि अन्य इंटरनेशनल कंपीटिशन में भी भारत का मान बढ़ाया है. उनकी इन सफलताओं के लिए उन्हें पद्मश्री और खेल रत्न जैसे सम्मान मिले हैं. इसके अलावा, उन्हें इंटरनेशनल पैरालंपिक कमिटी की ओर से बेस्ट फीमेल डेब्यू अवॉर्ड भी मिला है. उन्होंने कई विश्व कप और एशियाई पैरा गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीते हैं.
मोना अग्रवाल एक नई उम्मीद
मोना अग्रवाल ने भी पेरिस पैरालंपिक 2024 में अपने पहले ही अटेम्ट में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया. 228.7 स्कोर के साथ मोना ने तीसरा स्थान हासिल किया. मोना की कहानी भी बेहद प्रेरणादायक है. 2021 में खेल की दुनिया में कदम रखने के बाद, उन्होंने 2024 में अपने पहले विश्व कप में गोल्ड मेडल जीतकर एशियाई रिकॉर्ड बनाया और पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई (qualify) किया. राजस्थान के सीकर में जन्मी मोना ने जीवन के हर मुश्किल का डटकर सामना किया. पोलियो की वजह से बचपन में अपने दोनों पैरों की ताकत खोने के बावजूद, मोना ने खेल की दुनिया में अपनी पहचान बनाई.
अवनि और मोना ने सिर्फ मेडल ही नहीं जीते, बल्कि उन सभी को प्रेरित किया जो लाइफ में मुश्किलों से जूझ रहे हैं. अवनि ने जहां अपने टाइटल का बचाव करते हुए गोल्ड मेडल जीता, वहीं मोना ने ब्रॉन्ज मेडल के साथ पेरिस में भारत का खाता खोला. इन दोनों ने दिखा दिया कि मेहनत और हिम्मत से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है.
India opens its medal account in the #Paralympics2024!
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2024
Congratulations to @AvaniLekhara for winning the coveted Gold in the R2 Women 10M Air Rifle SH1 event. She also creates history as she is the 1st Indian woman athlete to win 3 Paralympic medals! Her dedication continues to…
Congratulations to Mona Agarwal on winning the Bronze medal in R2 Women 10m Air Rifle SH1 event at the Paris #Paralympics2024!
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2024
Her remarkable achievement reflects her dedication and quest for excellence. India is proud of Mona! #Cheer4Bharat
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अवनि लेखरा और मोना अग्रवाल को इस शानदार जीत पर बधाई दी. उन्होंने अवनि को तीन पैरालंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनने पर बधाई दी और कहा कि उनका डेडिकेशन और मेहनत पूरे देश को गर्व महसूस कराता है. मोना को भी प्रधानमंत्री ने उनके हिम्मत और बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सराहा.
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इस तरह, पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत के लिए एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल के साथ शानदार शुरुआत हुई है, और ये सब अवनि और मोना के हौसले और मेहनत की बदौलत मुमकिन हो पाया हैं.
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