Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक में भारत ने छटा मेडल घर आया है. भारतीय खिलाड़ी अमन सहरावत ने 57 किलोवर्ग फ्रीस्टाइल इवेंट के ब्रॉन्ज मेडल मैच में जीत हाशिल कर ली है. अमन ने प्यूर्टो रिको के डेरियन टोई क्रूज को 13-5 से हरा कर ये खिताब अपने नाम किया है. एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडलिस्ट अमन सहरावत भारत के एकमात्र पुरुष पहलवान हैं, जिन्होंने इस बार ओलंपिक में क्वालिफाई किया है. अमन के पदक जीतने से उनके पैतृक गांव बिरोहड़ में खुशी का महौल है.
अमन सहरावत का जन्म 2003 में हरियाणा झज्जर जिले में हुआ था. अमन ने को पहली सफलता 2021 में चैंम्पियनशिप के दौरान मिली थी. अमन का ओलंपिक तक सफर इनता आसान नहीं था उन्होंने बचपन से कई परेशानियों का सामना किया है. शुरुआती समय से ही अमन को कुश्ती में अपना करियर दिखता था.
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लेकिन तब परिस्तिथि को कुछ और मंजूर था. अमन जब कुश्ती में अपना सुनहरा भविष्य देख रहे थे तभी बचपन में ही उन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया. अमन अपने घर में बड़े थे. उनकी एक छोटी बहन भी थी. माता-पिता के जाने के बाद उन्होंने बड़े भाई की जिम्मेदारी भी खूब निभाई और अपनी बहन की पढ़ाई लिखाई का खर्चा उठाया.
अमन के पास कुश्ती सीखने के लिए पैसे नहीं थे तो उन्होंने दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में कुश्ती सीखी. दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में अमन ने कोच प्रवीन दहिया से कुश्ती के दांवपेंच सीखे और कड़ी मेहनत कर आज पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की.
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आसान नहीं था अमन सहरावत के लिए ओलंपिक तक का सफर, बचपन में ही उठ गया था माता-पिता का साया