डीएनए हिंदी: एशिया कप 2022 (Asia Cup 2022) का आगाज जल्द ही होने वाला है. 27 अगस्त से ये टूर्नामेंट शुरू हो रहा है और भारतीय क्रिकेट टीम भी इसके लिए पूरी तरह से तैयार है. 1984 में शुरू हुए इस टूर्नामेंट में कई उतार चढ़ाव देखने को मिले हैं. जिनमें से एक था 1986 का समय, जब भारत ने ही एशिया कप में हिस्सा लेने से मना कर दिया था और एक वक्त था 1990 का जब पाकिस्तान ने एशिया कप खेलने से इनकार कर दिया था. आखिर क्यों दोनों देशों ने उठाए थे ऐसे ठोस कदम, आइए जानते हैं...
क्या थी भारत के मना करने की वजह
भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों के राजनीतिक संबंधों ने एशिया कप पर कई बार ग्रहण लगाया है. साथ ही भारत को हमेशा से ही उसके पड़ोसी देशों ने दर्द भी दिया है. 1984 में पहली बार भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच एशिया कप टूर्नामेंट हुआ था. ये टूर्नामेंट भारत ने जीता था और श्रीलंका रनरअप रही थी. जब कि पाकिस्तान एक मैच ना जीत सकने के कारण खाली हाथ ही अपने घर लौटी थी. 1986 में फिर से एशिया कप का आयोजन हुआ, लेकिन इस बार पहले टूर्नामेंट की विजेता रही भारतीय क्रिकेट टीम ने टूर्नामेंट में हिस्सा लेने से ही मना कर दिया. भारत के इस फैसले के पीछे कई बड़ी वजहें रहीं थी. जिसमें सबसे बड़ी वजह थी खिलाड़ियों की सुरक्षा.
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1986 के एशिया कप का आयोजन श्रीलंका में होना था. उस वक्त श्रीलंका में हालात ठीक नहीं चल रहे थे. श्रीलंका में चारों तरफ हिंसा का माहौल था. सेना और लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (जिसे लिट्टे भी कहा जाता है) के बीच जमकर खून बह रहा था. इसे देखते हुए भारत सरकार ने ही खिलाड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें श्रीलंका भेजने से मना कर दिया था.
पहली बार मिला था बांग्लादेश को मौका
भारत के टूर्नामेंट में शामिल ना होने के कारण पहली बार बांग्लादेश को एशिया कप में शामिल किया गया था. 1986 का एशिया कप फिर श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच हुआ था. बांग्लादेश ने टूर्नामेंट में दो लीग मैच खेले थे, जो कि इस देश का पहला वनडे मैच भी था. एशिया कप से ही बांग्लादेश ने अपना वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया था. हालांकि डेब्यू उसके लिए कुछ अच्छा नहीं रहा था और दोनों ही लीग मैच बांग्लादेश हार गई थी. फाइनल मैच पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच हुआ. जिसमें श्रीलंका ने पाकिस्तान को मात दी और पहली बार एशिया कप टूर्नामेंट जीता था.
पहले लीग मैच में कम स्कोर बनाने के बाद भी पाकिस्तान ने श्रीलंका को हरा दिया था. उसने सिर्फ 197 रन बनाए थे और श्रीलंका को 81 रनों से हरा भी दिया था. फाइनल में भी पाकिस्तान ने सिर्फ 191 रन ही बनाए थे. लेकिन इस बार श्रीलंका के लिए अरविंद डी सिल्वा (52 रन) और अर्जुन राणातुंगा (57 रन) ने बेहतरीन पारी खेली और टीम को पहली बार एशिया कप में जीत दिलाई थी.
1990 में पाकिस्तान नहीं हुआ था शामिल
1990 में कहानी 1986 जैसी नहीं थी. इस बार पाकिस्तान ने खेलने से इनकार कर दिया था. 1986 में जहां भारत के श्रीलंका के साथ संबंध अच्छे नहीं थे और उसने एशिया कप खेलने से इनकार कर दिया था. तो वहीं साल 1990 में पाकिस्तान के भारत के साथ संबंध अच्छे नहीं थे और इस बार उसने टूर्नामेंट में हिस्सा लेने से मना कर दिया था.
1990 के एशिया कप की मेजबानी भारत कर रहा था और पाकिस्तान भारत में आकर एशिया कप खेलना नहीं चाहता था. पाकिस्तान और भारत के संबंध उस वक्त बेहद खराब थे. हालांकि टूर्नामेंट हुआ था और श्रीलंका, भारत और बांग्लादेश ने इसमें हिस्सा लिया था. फाइनल मुकाबला भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया था, जिसे भारत ने जीत लिया था.
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Ind vs Pak: 1986 में भारत और 1990 में पाकिस्तान ने क्यों नहीं खेला था Asia Cup, जान लीजिए कारण