भारत और पाकिस्तान के बीच जब भी कोई क्रिकेट मैच होता है, टीवी पर एक विज्ञापन देखने को मिलता है. इसमें पाकिस्तानी फैंस भारत से बदला और मौके की बात करते नजर आते हैं. इस मशहूर विज्ञापन को देखना बेहद मजेदार होता है. भारतीय फैंस यह देखकर खुश होते हैं कि पाकिस्तान उनकी टीम के खिलाफ एक जीत के लिए तरस रहा है, लेकिन मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल मुकाबले से पहले वे खुद भी बदला और मौका जैसे शब्दों का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं. इसकी वजह एक ऐसा खिलाड़ी है जो चैंपियंस ट्रॉफी में खेल भी नहीं रहा है. करीब डेढ़ साल पहले अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर बोली गई इस लाइन के बाद भारतीय क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप चैंपियन बनने से एक कदम दूर रह गई थी. मंगलवार को भारतीय टीम के पास इसका बदला लेने का मौका है.
18 नवंबर, 2023 को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड कप का फाइनल खेला गया था. भारत पूरे टूर्नामेंट में अजेय तो रहा ही था, विपक्षी टीमों को एकतरफा मुकाबलों में हराकर फाइनल तक पहुंचा था. टीम के फॉर्म को देखते हुए उसे फाइनल में भी फेवरिट बताया जा रहा था. दर्शक भी पूरे जोश में थे. फाइनल से पहले जब ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस से क्राउड सपोर्ट के बारे में सवाल किया गया, तब उन्होंने एक बयान दिया था. कमिंस ने कहा था- देअर इज नथिंग मोर सटिस्फाइंग दैन हियरिंग ए बिग क्राउड गो साइलेंट. इसका मतलब था कि विपक्षी टीम का समर्थन करने वाले दर्शकों की भीड़ को चुप करने से ज्यादा संतोषजनक कुछ नहीं होता. कमिंस दरअसल कहना ये चाह रहे थे कि वे अपने प्रदर्शन से भारतीय टीम के लाखों फैन्स को चुप कर देगी.
कमिंस और उनकी टीम ने ऐसा किया भी. टॉस जीतकर कनमिंस ने भारतीय टीम को बल्लेबाजी करने को कहा. टीम इंडिया ने शुरुआत तो तेजतर्रार की, लेकिन 11वें ओवर तक तीन विकेट गंवाने के बाद वो दबाव में आ गई. इसके बाद कंगारू गेंदबाजों ने ऐसा जाल बिछाया कि भारत के बल्लेबाज एक के बाद एक विकेट गंवाते गए और पूरी टीम 240 रनों पर आउट हो गई. जब बल्लेबाजी की बारी आई तो ट्रैविस हेड भारतीय गेंदबाजों पर कहर बनकर टूट पड़े. दूसरे छोर पर डेविड वार्नर, मिशेल मार्श और स्टीवन स्मिथ सस्ते में आउट हो गए, लेकिन हेड ने अकेले दम पर ही ऑस्ट्रेलिया को जीत दिला दी. नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर मौजूद दर्शकों को उस दिन कंगारुओं ने वास्तव में चुप कर दिया था.
भारत को उसके घरेलू मैदान पर कमिंस ने पहले चैलेंज किया और फिर अपनी बात पर खरे उतरे. करीब डेढ़ साल पहले की वो बेइज्जती हर भारतीय फैन को याद है. कोई इसकी चर्चा भले न करे, लेकिन भारतीय टीम के खिलाड़ियों के मन में भी इसकी टीस जरूर होगी. मंगलवार को उनके पास इसका बदला लेने का मौका है. दुबई की यह एक जीत उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी के खिताब के और एक कदम करीब ले जाएगी- ऐसा खिताब जिसे भारतीय टीम 2013 के बाद से जीत नहीं पाई है.
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Ind Vs Aus: देअर इज नथिंग मोर सटिस्फाइंग... पैट कमिंस की इस बात का बदला ले पाएगी टीम इंडिया?