डीएनए हिंदी: दुनिया के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी (Tennis Players) लिएंडर पेस ने भारत को अपनी सफलता से गौरवान्वित किया है. 1990 के दशक में जब सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ जैसे क्रिकेट खिलाड़ियों को हर कोई अपना आदर्श बनाना चाह रहा था उस समय पेस ने 1996 अटलांटा ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर तहलका मचा दिया था जिसके बाद से दुनिया में उनका नाम गूंजने लगा था.
अटलांटा ओलंपिक में उस समय सिर्फ 23 साल के पेस दिग्गजों को चटाते हुए सिंगल का ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था. भारत ने 44 साल के इंतजार के बाद व्यक्तिगत स्पर्धा में ओलंपिक मेडल अपने नाम किया था. पेस से पहले 1952 में रेसलिंग में केडी जाधव ने व्यक्तिगत मेडल जीता था. उनके हिस्से भी कांस्य ही आया था. इस ओलंपिक में पेस महेश भूपति के साथ डबल्स में भी उतरे थे लेकिन वहां दूसरे राउंड में ही हार गए.
पेस का जन्म एक एथलीट परिवार में हुआ था. उनके पिता वेस पेस 1972 म्यूनिख ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के मिडफील्डर थे. वहीं उनकी मां जेनिफर पेस 1980 एशियन बास्केटबॉल चैंपियनशिप में भारतीय टीम की कप्तान थीं. 1991 में पेस ने सिर्फ 18 साल आयु में जूनियर यूएस ओपन और फिर जूनियर विंबलडन का खिताब अपने नाम किया. इसी साल जूनियर में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी बने. अगले साल 1992 में बार्सिलोना ओलंपिक में पेस ने रमेश कृष्णन के साथ भाग लिया.
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पेस ने अपने करियर में 8 मेन्स डबल्स ग्रैंड स्लैम और 10 मिक्स्ड डबल्स ग्रैंड स्लैम खिताब जीता है. इस खिलाड़ी ने मार्टिन नवरातिलोवा और मार्टिना हिंगिस जैसे दिग्गज महिला टेनिस खिलाड़ियों के साथ भी ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम किया है. साल 2016 में पेस ने 42 साल की आयु में अपना आखिरी ग्रैंड स्लैम खिताब जीता था. पेस अपने 30 साल के करियर में 18 ग्रैंड स्लैम के अलावा 44 डेविस कप के मुकाबले जीत चुके हैं. पेस एटीपी डब्ल्स रैंकिंग में नंबर वन बनने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी थे.
पेस को 1990 में अर्जुन अवॉर्ड, 1996 में राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड, 2001 में पद्म और साल 2014 में भारत के तीसरे सर्वोच्च सम्मान पद्म भूषण से नवाजा गया था.
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