डीएनए हिंदी: केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के कार्यालयों के अधिकारियों समन भेजा है. सीआईसी ने अधिकारियों को तब तलब किया जब दिल्ली में मस्जिदों के इमामों को भुगतान किए गए वेतन के बारे में जानकारी का खुलासा नहीं किया गया. आरटीआई अधिनियम के तहत सूचना आयुक्त उदय माहूरकर ने कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल की याचिका पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया है.
सुभाष अग्रवाल सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत अपने आवेदन के माध्यम से दिल्ली की मस्जिदों में इमामों को वेतन देने के फैसले पर फाइल नोट सहित पूरी जानकारी चाहते थे. उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में उन मस्जिदों की कुल संख्या जानने की कोशिश की, जहां इमामों को वेतन मिलता है. साथ ही उन्होंने इस बारे में जानकारी हासिल करनी चाही कि इमामों के दिए जाने वाले कुल राशि, वार्षिक खर्च में कितना भुगतान किया जाता है.
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अपने आरटीआई आवेदन के माध्यम से, अग्रवाल ने यह भी पूछा कि क्या हिंदू मंदिरों के पुजारियों को भी इस तरह का वेतन दिया जा रहा है? एलजी और मुख्यमंत्री के कार्यालयों ने आरटीआई आवेदन का जवाब नहीं दिया, लेकिन मुख्य सचिव के कार्यालय ने इसे राजस्व विभाग और दिल्ली वक्फ बोर्ड को भेज दिया है.
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दिल्ली वक्फ बोर्ड ने अग्रवाल को अपने जवाब में कहा कि कोई भी प्रश्न इससे संबंधित नहीं है. आयुक्त ने इन दोनों विभागों के जन सूचना अधिकारियों को भी नोटिस जारी कर 18 नवंबर को सुनवाई के लिए पेश होने को कहा है. सीआईसी ने अधिकारियों से मामले से जुड़ी सभी फाइलों को सुनवाई के लिए लाने को कहा है.
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मस्जिद के इमामों पर होता है कितना खर्च? जवाब न मिलने पर CIC ने भेजा LG और CM ऑफिस को समन