मंगलवार को क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई जब पूर्व भारतीय कप्तान दत्ताजीराव गायकवाड का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. दत्ताजीराव गायकवाड 12 दिनों से बड़ौदा के एक अस्पताल में भर्ती थे और मंगलवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. अब उनके बेटे की बीमारी के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दत्ताजीराव गायकवाड के बेटे और पूर्व भारतीय खिलाड़ी अंशुमान गायकवाड ब्लड कैंसर से जूझ रहे हैं. अंशुमान भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज रहे हैं और उन्होंने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद एक कोच और सेलेक्टर के तौर पर भी काम किया.
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मंगलवार को अंशुमान गायकवाड अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो सके. अंशुमान के बेटे ने बताया कि उनके पिता अच्छा रिकवरी कर रहे हैं लेकिन उन्हें पूरी तरह से रेस्ट करने की सलाह दी गई है. जिसकी वजह से वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके. वह घर से कम ही बाहर जाते हैं और किसी तरह से गैदरिंग में शामिल होने से मना किया गया है. पिछले साल बड़ोदा में उनका किमोथैरेपी हुआ था और तब से वह लगातार डॉक्टर्स की निगरानी में हैं.
पिछले साल ऑटोबायोग्राफी की थी रिलीज
पिछले ही साल अंशुमान गायकवाड ने ऑटोबायोग्राफी रिलीज की थी. उस समारोह में सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, जाहीर खान और गुंडप्पा विश्वनाथ के साथ कई दिग्गज क्रिकेटर शामिल हुए थे. अंशुमान ने भारतीय क्रिकेट को वो सब कुछ दिया, जिसकी एक क्रिकेटर से उम्मीद की जाती है. उन्होंने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कोच के तौर पर काम किया. इसके बाद वह टीम इंडिया के सेलेक्टर भी रहे. उन्होंने बीसीसीआई के एडमिनीस्ट्रेटर के तौर पर भी काम किया है.
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भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 वनडे मुकाबले खेलने वाले अंशुमान गावकवाड 27 दिसंबर 1974 को वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था और जून 1975 में इंग्लैंड के खिलाफ पहला वनडे मैच खेला. 1987 में उन्होंने क्रिकेट से सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया. उन्होंने टेस्ट में 1985 और वनडे में 269 रन बनाए.
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पिता की हुई मौत, खुद को ब्लड कैंसर, पढ़ें खिलाड़ी से कोच तक रह चुके क्रिकेटर की दर्दभरी दास्तां