डीएनए हिंदी: भारतीय टेबल टेनिस के दिग्गज खिलाडी अचंता शरत कमल ने 16 साल के लंबे इंतजार के बाद कॉमनवेल्थ गेम्स में टेबल टेनिस मेंस सिंगल्स को गोल्ड जीत लिया. उन्होंने फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के लियाम पिचफोर्ड के खिलाफ जीत जीत हासिल करने के बाद ये कारनामा किया. स्वर्ण पदक के मुकाबले में शरत कमल ने आक्रामक खेल दिखाया और अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी को 11-13, 11-7, 11-2, 11-6, 11-8 से हराया. शरत कमल के शानदार प्रदर्शन का मतलब था कि वह बर्मिंघम में तीसरी बार पोडियम के टॉप पर खड़े थे.
टाई-ब्रेक में शुरुआती गेम हारने के बावजूद शरत मैच पर नियंत्रण खोते हुए कहीं नहीं दिखाई दिए. पिचफोर्ड को अपनी सर्विस की विविधता से परेशान करने के अलावा शरत कमल ने टेबल की चौड़ाई का बेहतर इस्तेमाल किया.चौथे गेम में एक अच्छी बढ़त हासिल करने के बाद लगातार तीन अंक हासिल कर गेम अपन नाम कर ली. पांचवें गेम में शरत ने अपनी रणनीति में बदलाव की और वापसी करते हुए गेम के साम मुकाबला भी अपने नाम कर लिया.
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पिछले हफ्ते मेंस टीम इवेंट का स्वर्ण और रविवार रात को श्रीजा अकुला के साथ मिक्स्ड डबल्स का स्वर्ण पदक जीतने के बाद, शरत राष्ट्रमंडल खेलों में तीन स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पैडलर बन गए. उन्होंने दो स्वर्ण पदकों के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया. उन्होंने 2006 में दो गोल्ड जीता था. हालांकि मनिका बत्रा ने 2018 गोल्ड कोस्ट खेलों में दो गोल्ड जीतकर उस रिकॉर्ड की बराबरी कर ली थी. वो एक ही कॉमनवेल्थ गेम्स में तीन गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं. अब तक उन्होंने 7 गोल्ड, 3 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज जीते हैं.
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