भगवान श्री कृष्ण के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है बांके बिहारी मंदिर, जो न केवल प्राचीन है बल्कि उनके भक्तों के लिए एक बड़ा आकर्षण भी है. इस मंदिर का नाम बांके बिहारी मंदिर इसलिए रखा गया है क्योंकि इसमें कृष्ण त्रिकोण मुद्रा में खड़े हैं, जो बहुत अनोखा है. इस मंदिर के प्रति लोगों की इतनी आस्था है कि बांकेबिहारी जब अपना दर्द बताते हैं तो यहीं रहते हैं और सुनते भी हैं.
कई लोग तो इनसे इतने मंत्रमुग्ध हो जाते हैं कि उन्हें देखते ही रह जाते हैं. बांके बिहारी मंदिर में एक बहुत ही अद्भुत रिवाज है, जिसके अनुसार उनकी मूर्ति के सामने बार-बार पर्दा लगाया जाता है. इसके पीछे की वजह बेहद दिलचस्प है...
इस अद्भुत घटना से सब रह गए थे हैरान
एक पौराणिक कथा के अनुसार 400 साल पहले बांकेबिहारी मंदिर में पर्दा डालने की प्रथा नहीं थी और लोग बिना किसी रुकावट के बांकेबिहारी के दर्शन कर सकते थे. एक बार एक निःसंतान विधवा वृद्धा पहली बार बांके बिहारीजी के दर्शन को आई थी. जब उसने बांकेमबिहारीजी के दर्शन किये तो वह उनके मनमोहक मुख को देखती ही रह गयी और अपने सारे दुःख-दर्द भूल गयी और प्रभु को निहारते-निहारते ही बेहोश हो गई.
कुछ समय बाद जब वृद्धा को होश आया तो उसने कहा कि बांकेबिहारीजी ही उसके पुत्र मानेगी और अपनी सारी संपत्ति उनके नाम कर रही है. उस महिला में इतना प्रेम और स्नेह था कि स्वयं बांकेबिहारी भी उस स्नेह में बंध गए और एक पुत्र की तरह जब वह महिला मंदिर से जाने लगी तो उसके पीछे-पीछे उसके घर तक पहुंच गए.
अगले दिन जब मंदिर के पुजारी और अन्य भक्तों ने देखा कि ठाकुरजी मंदिर में नहीं हैं तो सभी चिंतित हो गए. उन सभी ने मिलकर खोज शुरू की और ढूंढते-ढूंढते वे बुढ़िया के घर पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात बांके बिहारी से हुई. तब सभी ने बांकेबिहारी से वृन्दावन लौटने की प्रार्थना की. कई बार मानने के बाद बिहारीजी वापस मंदिर में लौट आये.
इस घटना के बाद लगने लगा पर्दा
इस घटना के डर से तब से हर 2 मिनट में बिहारीजी के सामने पर्दा डाल दिया जाता है, ताकि भक्त कान्हा को देखकर अपने सुधबुद्ध न खोएं और भगवान परेशान न हों. इसके अलावा बांके बिहारी मंदिर में साल में एक बार मंगला आरती की जाती है, भगवान बांके बिहारीजी के चरणों के दर्शन साल में एक बार होते हैं. इतना ही नहीं, बांके बिहारी मंदिर में बांसुरी और मुकुट से जुड़े भी कई रहस्य हैं, जिसे अगली कड़ी में बताएंगे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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बांके बिहारी मंदिर में हर 2 मिनट में पर्दा क्यों लगाया जाता है? इस अद्भुत घटना के बाद बदल गए नियम