हिंदू धर्म में षटतिला एकादशी को बहुत शुभ माना जाता है. यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल षटतिला एकादशी 25 जनवरी, शनिवार को मनाई जाएगी. इस दिन भक्त भगवान नारायण की पूजा करके उनका आशीर्वाद पाने का प्रयास करते हैं. ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करता है और माता तुलसी के विशेष मंत्रों का जाप करता है उसे विशेष पुण्य प्राप्त होता है.

हिंदू धर्म में षटतिला एकादशी को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा पाने का उत्तम अवसर है. इस दिन व्रत रखने, तुलसी माता की पूजा करने और विशेष मंत्रों का जाप करने से जीवन में धन, यश, सुख और समृद्धि प्राप्त होती है. जो भक्त सच्चे मन से इस व्रत को करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसकी सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं.

षटतिला एकादशी का महत्व

षटतिला एकादशी के दिन व्रत करने और दान करने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति आती है. इस दिन तिल का बहुत महत्व होता है. षटतिला का अर्थ है छह प्रकार के तिल. इस व्रत में तिल से बनी छह चीजों का उपयोग किया जाता है- तिल स्नान, तिल का काढ़ा, तिल का हवन, तिल का तर्पण, तिल का दान और तिल से बने भोजन का सेवन. ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में धन, यश और कीर्ति में वृद्धि होती है.

तुलसी माता की पूजा का महत्व

षटतिला एकादशी के दिन माता तुलसी की पूजा करने का विशेष महत्व बताया गया है. हिंदू धर्म में तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप और भगवान विष्णु की प्रिय माना जाता है. तुलसी के पौधे के बिना कोई भी पूजा पूरी नहीं मानी जाती. इस दिन सुबह स्नान करने के बाद तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाना चाहिए और देसी घी का दीपक जलाकर पूजा करनी चाहिए. तुलसी माता के 108 नामों का जाप करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और जीवन की सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं.

तुलसी माता के विशेष मंत्र

षटतिला एकादशी के दिन तुलसी माता के निम्नलिखित मंत्रों का जाप करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इन मंत्रों के जाप से जीवन की हर समस्या दूर हो जाती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.

1. महाप्रसाद सभी शुभताओं की जननी है, आधी व्याधि हर नित्यं तुलसी त्वम् नमोस्तुते

(अर्थ: हे तुलसी माता, आप महान वरदान देने वाली और सभी प्रकार के भाग्य को बढ़ाने वाली हैं. आप सभी रोगों और दुखों का नाश करने वाली हैं. मैं आपको बार-बार प्रणाम करता हूं.)

2. नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये

(अर्थ: हे तुलसी माता, आप भगवान विष्णु की प्रिय हैं और सभी पापों का नाश करने वाली हैं. आपको बार-बार नमस्कार है.)

3. ॐ सुभद्राय नमः

(अर्थ: शुभद्रा माता को नमस्कार.)

4. मातास्तुलसि गोविंदा हृदयानंद कारिणी, नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वं नमोस्तुते.

(अर्थ: हे तुलसी माता, आप भगवान गोविंद के हृदय को प्रसन्न करने वाली हैं. मैं आपको भगवान नारायण की पूजा के लिए चुनता हूं. आपको नमस्कार है.)

5. ॐ सुप्रभाय नमः

(अर्थ: माता सुप्रभा को नमस्कार.)
 

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)

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When is Shattila Ekadashi? Do these remedies on ekadashi for freedom from all sins tulsi puja mantra
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षटतिला एकादशी कब है? इस दिन करें ये उपाय, मिलेगी सभी पापों से मुक्ति, दूर होंगी
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षटतिला एकादशी कब है? इस दिन करें ये उपाय, मिलेगी सभी पापों से मुक्ति, दूर होंगी परेशानियां

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