जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु या केतु दोष होता है उसे जीवन भर कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन यहां बताए गए कुछ सरल उपाय आपको इन छाया ग्रहों के बुरे प्रभाव से मुक्त कर सकते हैं. 

यदि कुंडली में राहु-केतु अशुभ हो तो जीवन काफी चिंतामय हो जाता है. एक के बाद एक मुश्किलें शुरू होती रहती हैं. . कभी असफलता, कभी बीमारी, कभी अपनों से दूरी, कभी मानसिक तनाव. यानी जब भी ये दोनों ग्रह खराब होते हैं तो जातक को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

तो इस लेख में हम आपको राहु-केतु के लक्षण और उनसे बचने के उपाय के बारे में बता रहे हैं. ताकि आप समय रहते राहु-केतु दोष के उपाय जान सकें और इससे बचने के उपाय कर सकें. जिससे आपको आने वाले समय में राहत मिल सके. इस सरल उपाय से आप अपने जीवन की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं. आइए ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मौजुमदार से राहु-केतु दोष और उसके निवारण के बारे में जानें.

राहु खराब होने पर यह समस्या होती है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि राहु खराब हो तो जातक को मानसिक तनाव की समस्या होती है. इसके अलावा आर्थिक हानि, कमजोर याददाश्त, चीजों की हानि, क्रोध, वाणी में कठोरता, भय और शत्रुओं में वृद्धि, मरे हुए सांप या छिपकली का दिखना, मृत पक्षी का दिखना, नाखून अपने आप टूटना, घर के पालतू जानवर की हानि या मृत्यु, गैरजिम्मेदार और लापरवाह .होने जैसी समस्याएँ सम्बंधित हैं. इसके अलावा वाहन दुर्घटना, कोर्ट-कचहरी की परेशानियां, अपने बारे में कई गलतफहमियां और अपने ही व्यक्ति के साथ तालमेल की कमी जैसी समस्याएं भी होती हैं.

केतु खराब हो तो ऐसी समस्या आती है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी व्यक्ति की कुंडली में केतु दोष होता है तो सबसे पहले ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं. जैसे उसके सिर के बाल झड़ने लगते हैं. शरीर की नसों में कमजोरी आ जाती है. पथरी संबंधी समस्या बनी रहती है. जोड़ों के दर्द और त्वचा रोग का खतरा भी बढ़ जाता है. इसके अलावा कान की समस्याओं के कारण सुनने की क्षमता कम हो जाती है. बार-बार खांसी आना. संतान के जन्म में भी बाधा आती है. मूत्र संबंधी रोगों के अलावा रीढ़ की हड्डी की समस्या भी हो सकती है.

इस उपाय से बचाएं राहु दोष से
राहु दोष से बचने के लिए आपको दुर्गा चालीसा, हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए. गोमेद अंक शुक्रवार के दिन धारण करना चाहिए. इसके अलावा घर में राहु यंत्र की स्थापना कर उसकी नियमित रूप से विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. राहु बीज मंत्र 'ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:' का 108 बार जाप करना चाहिए. शनिवार के दिन व्रत रखें और पूजा करें. अपने घर में पीले फूल लगाएं. साथ ही बेघर लोगों को दान देना चाहिए. नहाने के पानी में इत्र या चंदन मिलाना चाहिए.

केतु दोष से बचने के उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप केतु ग्रह के दोष के कारण परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो मां दुर्गा, हनुमानजी और गणेशजी की पूजा करें. आवारा कुत्तों को रोटी खिलाएं. केले के पत्ते पर भैरवजी चावल का भोग लगाएं. पूजा स्थल पर शुद्ध गाय के घी का दीपक जलाएं और संभव हो तो मंदिर में भी जलाएं. तिल के लड्डू का दान करें. रविवार के दिन कुंवारी कन्याओं को नमक दही और हलवा खिलाएं.

दोनों पक्ष की तेरस तिथि के दिन केतु शांति के लिए नियमित रूप से व्रत करें. जरूरतमंदों और गरीबों को दान दें. हरे रंग का रुमाल हमेशा अपने साथ रखें. पके हुए चावल में नमकीन दही मिलाएं और उसे दूना या पड़िया में भर लें. इसमें कुछ काले तिल भी डालें और इस पड़िया को किसी पीपल के पेड़ के नीचे रखकर केतु दोष शांत करने की प्रार्थना करें. इस प्रक्रिया को महीने के कृष्ण पक्ष यानि वद पक्ष में नियमित रूप से अवश्य करें.  

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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What happens if Rahu-Ketu defect in horoscope How to remove blame of these shadow planets
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कुंडली में राहु-केतु दोष होने पर क्या होता है?
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राहु-केतु की छाया से क्या परेशानियां होती हैं?
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राहु-केतु की छाया से क्या परेशानियां होती हैं?

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कुंडली में राहु-केतु दोष होने पर क्या होता है? ऐसे दूर करें इन छाया ग्रहों का कष्ट

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