डीएनए हिंदी: हीरा शुक्र का रत्न है और शुक्र धन-ऐश्वर्य और दांपत्य सुख का कारक होता है. शुक्र अगर कुंडली में कमजोर हो तो दांपत्य जीवन या लव लाइफ कभी सक्सेसफुल नहीं होती. वहीं धन और मान-सम्मान भी हमेशा दांव पर लगा रहता है. ऐसे में शुक्र को मजबूती देता है हीरा लेकिन हीरा पहनना सबके बस की बात नहीं. ऐसे में हीरे का वैकल्पिक शक्तिशाली रत्न है ओपल.
ओपल रत्न भी शुक्र ग्रह का को मजबूती देता है. तो चलिए आज आपको ओपल रत्न से जुड़े फायदे बताएं और साथ ही यह जानें कि ये किस राशि के लिए बेस्ट है और इसे पहनने का तरीका क्या है.
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रत्न शास्त्र में 9 प्रमुख रत्नों का ही वर्णन है, लेकनि इन सभी रत्नों के अपने एक उपरत्न भी होते हैं. ये उपरत्न भी मुख्य रत्न के समान ही काम करते हैं. ओपल रत्न प्रेमियों का रत्न होता है. ये पति- पत्नी के संबंधों में प्यार और मधुरता पैदा करता है. वहीं ये सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति का जरिया भी बनाता है. शुक्र ग्रह को दांपत्य जीवन, प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण और भौतिक सुख-सुविधाओं को देने वाला होता है.
इन राशियों के लिए बेस्ट है ये रत्न
वैदिक ज्योतिष के अनुसार ओपल तुला और वृष राशि के लिए बेस्ट रत्न होता है. हालांकि अगर कुंडली में शुक्र कमजोर हो तो इसे विशेषज्ञ की सलाह से पहना जा सकता है. कुंडली का विश्लेषण के बाद इस रत्न को मकर, कुंभ, मिथुन और कन्या राशि के जातक भी धारण कर सकते हैं.
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इस भाव में हो शुक्र तो जरूर पहनें ओपल
नवांश कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर हो तो ओपल पहनना लाभकारी होता है. वहीं शुक्र जन्मकुंडली के प्रथम, दूसरे, सातवें, नौवें या दसवें भाव में होने पर ओपल पहना जा सकता है.
इन रत्नों के साथ कभी न पहनें
शुक्र ग्रह के चंद्रमा, सूर्य और गुरु शत्रु होते हैं इसलिए ओपल को कभी भी माणिक्य, मोती और पुखराज के साथ नहीं पहनना चाहिए. शुक्र के बुध और शनि मित्र ग्रह होते हैं तो इन्हें आप पन्ना और नीलम के साथ पहन सकते हैं.
ओपल पहनने के फायदे:
प्रेम संबंधों को बढ़ाने के साथ ही ये रत्न जातक के पूरे व्यक्तित्व को निखारता है. ये वाणी को मधुर बनाता है, जिससे बेहतर संबध बनते हैं. ये सौंदर्य को बढ़ाता है.
इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को पहनना चाहिए ओपल
संगीत, अभिनेता, अभिनेत्री, चित्रकला, नृत्य, टीवी, फिल्म, थिएटर, कम्पूटर, आईटी से सम्बंधित क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए ओपल बेस्ट होता है.
ओपल धारण करने की सही विधि:
ओपल हमेशा शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को ही धारण करना चाहिए. सीधे हाथ की अनामिका अंगुली में ओपल रत्न धारण किया जाता है. धारण से पहले इस रत्न जड़ित अंगूठी को गाय के कच्चे दूध और गंगाजल से शुद्ध कर शुक्र के मंत्र ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: की एक माला जप करके अंगूठी को धारण करना चाहिए.
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