डीएनए हिंदी: प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत  (Pradosh Vrat 2023) रखा जाता है. महीने की कृष्ण और शुक्ल दोनों ही तिथियों पर प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2023) होता है. साल में 12 महीने में कुल 24 प्रदोष व्रत रखे जाते हैं. प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2023) का बहुत ही अधिक धार्मिक महत्व होता है. यह दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा-अर्चना (Shiv Ji Puja) के लिए विशेष होता है. इस दिन भगवान शिव की उपासना से साधकों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और शिव जी के आशीर्वाद से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती है. तो चलिए इस बार वैशाख माह में आने वाले प्रदोष व्रत (Vaishakh Pradosh Vrat 2023) की तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि और महत्व के बारे में जानते हैं. 

वैशाख माह प्रदोष व्रत 2023 तिथि (Vaishakh Pradosh Vrat 2023)
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस बार वैशाख माह की कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 17 अप्रैल 2023 की दोपहर 03ः46 से हो रही है. यह व्रत सोमवार को पड़ रहा है. इसी वजह से यह सोम प्रदोष व्रत होगा. इस तिथि का समापन 18 अप्रैल को दोपहर 01ः27 पर होगा. प्रदोष व्रत पर प्रदोष काल में पूजा का महत्व होता है ऐसे में सोम प्रदोष का व्रत पंचांग के अनुसार 17 अप्रैल को रखा जाएगा.

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वैशाख सोम प्रदोष 2023 व्रत पूजा मुहूर्त (Vaishakh Som Pradosh Vrat 2023 Puja Muhurat)
सोम प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मूहूर्त 17 अप्रैल 2023 को होगा. इस दिन शाम को 06ः48 से रात को 09ः01 तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. इस दिन पूजा के लिए करीब सवा दो घंटे से ज्यादा का समय प्राप्त हो रहा है.

वैशाख सोम प्रदोष 2023 व्रत पूजा विधि (Vaishakh Som Pradosh Vrat 2023 Puja Vidhi)
- प्रदोष व्रत के दिन जातक को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करना चाहिए. स्नान आदि करने बाद जातक को साफ वस्त्र धारण करने चाहिए.
- सुबह भगवान शिव की पूजा करें और मंदिर में दीप प्रज्जवलित करते हुए व्रत का संकल्प लें.
- इस दिन भगवान शिव का गाय के दूध और गंगा जल से अभिषेक करना चाहिए. शाम को भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करें. 
- भगवान शिव को अक्षत, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी का पत्ता, सफेद फूल, शहद, भस्म व शक्कर आदि चीजें अर्पित करें.
- भगवान शिव की पूजा करने के बाद अंत में आरती करके पूजा का समापन करें.

सोम प्रदोष व्रत 2023 महत्व (Som Pradosh Vrat 2023 Significance)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोम प्रदोष व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. प्रदोष व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और व्यक्ति की संतान को अच्छे भविष्य का भी आशीर्वाद मिलता है. पारिवारिक कलह दूर करने और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि के लिए भी प्रदोष व्रत करना चाहिए.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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संतान की लंबी उम्र और सूनी गोद को भर देगा सोम प्रदोष व्रत,जानें किस दिन है उपवास
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संतान की लंबी उम्र और सूनी गोद को भर देगा सोम प्रदोष व्रत, जानें किस दिन रखें उपवास और पूजा विधि