डीएनए हिंदी: Tulsi Vivah Traditions Importance Of Banana Tree Leaves And Sugarcane- हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी मनाया जाता है. इस दौरान तुलसी पूजा भी की जाती है. साथ ही इस दिन तुलसी और शालिग्राम का विवाह भी कराया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता तुलसी का हुआ था, ऐसे में इस मौके पर लोग शालिग्राम शिला, जिसे भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है, के साथ तुलसी के पौधे का विवाह करवाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर सुहागिन स्त्री को तुलसी विवाह जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से सुहागिन महिलाओं को अंखड सौभाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
तुलसी विवाह में मंडप सजाने के लिए कुछ खास चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र माना गया है. चलिए जानते हैं तुलसी विवाह में कौन सी चीजों से सजाया जाता है मंडप और क्यों है ये इतना खास..
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गन्ना (Sugarcane)
सनातन धर्म में गन्ने को बहुत शुभ माना जाता है यही कारण है कि कई पूजा में गन्ने का इस्तेमाल होता है. इसके अलावा देवी लक्ष्मी के कई चित्र में भी उनके हाथों पर गन्ना दिखाई देता है. देवी लक्ष्मी का वाहन हाथी है और हाथी को गन्ना बेहद पसंद होता है इसलिए कई पूजा में गन्ने का इस्तेमाल किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, गन्ने का संबंध शुक्र ग्रह से है और शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव से ही दांपत्य जीवन में खुशियां आती हैं और हर तरह का सुख मिलता है. ऐसे में शुक्र ग्रह शुभ स्थिति में है तो वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है इसलिए तुलसी विवाह में गन्ने का प्रयोग किया जाता है.
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केले का पत्ता या वृक्ष (Banana Tree Leaves)
तुलसी विवाह में खासतौर पर मंडप सजाते समय केले के पत्तों और गन्ने का इस्तेमाल किया जाता है ये दोनों ही चीजें हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र और पूजनीय हैं. इसके अलावा कई अन्य शुभ कामों में भी इनका उपयोग किया जाता है. केले का संबंध गुरु ग्रह से होता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, वैवाहिक जीवन की सफलता के लिए गुरु ग्रह का शुभ होना बेहद जरूरी माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर गुरु ग्रह शुभ स्थिति में न हो तो विवाह आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते. यही कारण है कि तुलसी विवाह में केले के पत्तों से ही मंडप सजाया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Tulsi Vivah 2022: गन्ने और केले के पत्तों से सजता है तुलसी जी का मंडप, ये है मान्यता