डीएनए हिंदीः ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य ग्रह (Surya Gochar) एक राशि से दूसरे राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे ग्रह गोचर या संक्रांति कहा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार अक्टूबर माह में सूर्यदेव जब कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे, तो उस दिन तुला संक्रांति मनाई जाएगी. इस बार ये शुभ तिथि 18 (Tula Sankranti 2023 Date) अक्टूबर को पड़ेगी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन सूर्य देव कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे. इस दिन दान-पुण्य करने से व्यक्ति के सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं और सूर्य देव का शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता है. इतना ही नहीं इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति के पाप मिट जाते हैं और जीवन में सुख शांति (Tula Sankranti) आती है. आइए जानते हैं इस बार कब मनाई जाएगी तुला संक्रांति और क्या है इसका महत्व..
तुला संक्रांति का शुभ मुहूर्त (Tula Sankranti Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार तुला संक्रांति आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी 18 अक्टूबर को मनाई जाएगी. क्योंकि इस शुभ तिथि पर देर रात 01 बजकर 29 मिनट पर सूर्य देव कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे. बता दें कि इस दिन पुण्य काल सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 06 मिनट तक रहेगा और महा पुण्य काल सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर 08 बजकर 18 मिनट तक रहेगा.
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पुण्य काल - 18 अक्टूबर 06:23 AM से 12:06 PM तक
महा पुण्य काल - 18 अक्टूबर 06:23 AM से 08:18 PM तक
संक्रांति का समय - 01:29 PM
तुला संक्रांति का महत्व (Tula Sankranti importance)
संक्रांति का शुभ तिथि दान, तपस्या और श्राद्ध अनुष्ठानों आदि करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इसके अलावा इस दिन जरूरतमंदों को दान करने, पवित्र नदियों में स्नान करने और पूर्वजों के लिए श्राद्ध करने से साधक को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है.
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दान पुण्य का महत्त्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार संक्रांति की शुभ तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है और पूजा के बाद जरूरतमंदों को अपनी क्षमता अनुसार दान करने पर अक्षय फल की प्राप्ति होती है. ऐसे में इस वर्ष 18 अक्टूबर को तुला संक्रांति के दिन आप भी स्नान-दान आदि जरूर करें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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इस दिन मनाई जाएगी तुला संक्रांति, जानें शुभ मुहूर्त और स्नान दान का महत्त्व