डीएनए हिंदी: फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज (Phulera Dooj 2023) के रूप में मनाया जाता है. आज फुलेरा दूज पर्व मनाया जा रहा है. फुलेरा दूज (Phulera Dooj 2023) को फुलों के उत्सव के रूप में मनाते हैं. फुलेरा दूज (Phulera Dooj 2023) का महत्व रंगों के त्योहार होली से जुड़ा हुआ है. आज के दिन फुलेरा दूज पर फुलों की होली (Holi 2023) खेली जाती है. आज फुलेरा दूज (Phulera Dooj 2023) पर राधा-कृष्ण (Radha krishna) जी की पूजा की जाती है. फुलेरा दूज (Phulera Dooj 2023) पर किसी भी कार्य के लिए पूरे दिन अबूझ मुहूर्त होता है. इस बार फुलेरा दूज (Phulera Dooj 2023) पर पांच शुभ योग बन रहे हैं. आज इन शुभ योग में राधाकृष्ण (Radha krishna) की पूजा होगी जिससे पूजा का महत्व और अधिक बढ़ गया है. तो चलिए फुलेरा दूज (Phulera Dooj 2023) पर बन रहे इन शुभ योग और अबूझ मुहूर्त के बारे में जानते हैं.
फुलेरा दूज 2023 (Phulera Dooj 2023)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, फुलेरा दूज के दिन को शुभ दिनों में से एक माना जाता है. फुलेरा दूज को दोष रहित मानते हैं. ऐसे में इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए शुभ मुहूर्त नहीं देखना पड़ता है. यहीं कारण है कि आज के फुलेरा दूज के दिन को पूरा दिन "अबूझ मुहूर्त" होता है. आज शादी विवाह के साथ-साथ सभी शुभ और मांगलिक कार्य कर सकते हैं. आज फुलेरा दूज तिथि सुबह 9 बजकर 04 मिनट से शुरू होकर 22 फरवरी को सुबह 5 बजकर 57 मिनट तक रहेगी.
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फुलेरा दूज 2023 शुभ योग (Phulera Dooj 2023 Shubh Yoga)
फुलेरा दूज के दिन को शुभ कार्यों के लिए विशेष माना जाता है. फुलेरा दूज पर बिना मुहूर्त देखे ही शुभ कार्य कर सकते हैं. आज फुलेरा दूज पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है ऐसे में आज के दिन का महत्व और अधिक बढ़ गया है. तो चलिए फुलेरा दूज पर बन रहे शुभ योगों के बारे में जानते हैं.
शिव योग
आज के दिन शिव योग सुबह प्रातः लेकर सुबह 6 बजकर 57 मिनट तक रहेगा.
सिद्ध योग
आज के दिन सिद्ध योग सुबह 6 बजकर 57 मिनट से शुरू प्रारंभ होगा और अगले दिन 22 फरवरी को 3 बजकर 8 मिनट तक रहेगा.
साध्य योग
साध्य योग सुबह 3 बजकर 8 मिनट से शुरू हो रहा है जो 22 फरवरी को पूरा दिन रहेगा.
सर्वार्थ सिद्धि योग
सर्वार्थ सिद्धि योग 21 फरवरी सुबह 6 बजकर 38 मिनट से अगले दिन 22 फरवरी सुबह 6 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.
त्रिपुष्कर योग
त्रिपुष्कर योग 21 फरवरी सुबह 9 बजकर 4 मिनट से प्रारंभ होकर 22 फरवरी सुबह 5 बजकर 57 मिनट तक रहेगा.
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फुलेरा दूज से जुड़ी पौराणिक कथा (Phulera Dooj Katha)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण एक बार लंबे समय तक राधारानी से मिलने नहीं गए थे. लंबे समय तक बरसाना न जाने की वजह से गोपियां और राधारानी नाराज हो गई थीं. उनकी नाराजगी प्रकृति पर भी दिखने लगा था. आस-पास के सभी फुल मुरझा गए थे. हालांकि जब श्रीकृष्ण राधारानी से मिलने पहुंचे तो चारों ओर हरियाली छा गई. राधारानी और गोपियां भी खुश हो गईं.
श्रीकृष्ण ने एक फुल तोड़कर राधारानी पर फेंक दिया, बाद में राधारानी ने भी श्रीकृष्ण पर फुल फेंक दिया. राधाकृष्ण को ऐसा करता देख गोपियां भी फुल फेंकने लगी. श्रीकृष्ण फाल्गुन माह की द्वितीया तिथि राधारानी से मिलने के लिए बरसाना गए थे. इसी दिन यह घटना हुई तभी से इस तिथि को फुलेरा दूज के रूप में मनाया जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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आज फुलेरा दूज पर 5 शुभ योगों में होगी राधाकृष्ण की पूजा, होली से जुड़ा है महत्व