डीएनए हिंदी: माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के सूर्य जयंती व्रत होदा है, इसे रथ सप्तमी या अचला सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है. आज 28 जनवरी 2023 (Surya Jayanti 2023 Date) को सूर्य देव की उपासना करने से आरोग्यता, बल, धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है.
इसी दिन सूर्य देव अपने सात अश्वों के साथ प्रकट हुए थे. इसलिए इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. वेदों में सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष मंत्र बताए गए हैं, जिनका जाप करने से साधकों को विशेष लाभ मिलता है. इससे पहले जान लें सूर्य सप्तमी पूजा की सही विधि.
अचला एकादशी 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त
- माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि आरंभ- 27 जनवरी को सुबह 09 बजकर 10 मिनट से शुरू
- माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि समाप्त- 28 जनवरी को रात 08 बजकर 43 मिनट तक.
- उदया तिथि के हिसाब से अचला सप्तमी का व्रत 28 जनवरी 2023 को रखा जा रहा है.
- साध्य योग- 27 जनवरी को दोपहर 01 बजकर 22 मिनट से शुरू होकर 28 जनवरी को सुबह 11 बजकर 54 मिनट तक
- शुभ योग - 28 जनवरी सुबह 11 बजकर 54 मिनट से 29 जनवरी को सुबह 11 बजकर 04 मिनट तक
सूर्य देव मंत्र (Surya Jayanti 2023 Mantra)
1. ॐ सूर्य आत्मा जगतस्तस्युषश्च
आदित्यस्य नमस्कारं ये कुर्वन्ति दिने दिने .
दीर्घमायुर्बलं वीर्यं व्याधि शोक विनाशनम्
सूर्य पादोदकं तीर्थ जठरे धारयाम्यहम् ..
2. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर: ..
3. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ..
4. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा ..
5. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ..
6. ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:.
7. ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर .
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते ..
स्नान -दान का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, अचला सप्तमी को सुबह 05 बजकर 25 मिनट से 07 बजकर 12 मिनट तक स्नान और दान करना शुभ होगा.
अचला सप्तमी 2023 पूजा विधि
- अचला सप्तमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें और साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लें.
- अब एक तांबे के लोटे में जल में थोड़ा सा लाल सिंदूर, अक्षत, लाल फूल, थोड़ा सा तिल डालकर अर्घ्य दें.
- इसके साथ ही नैवेद्य, घी की दीपक, धूप जलाकर विधिवत आरती करें और सूर्यदेव से प्रार्थना करते हुए 'सपुत्रपशुभृत्याय मेर्कोयं प्रीयताम्' मंत्र का उच्चारण करें.
- सूर्यदेव की विधिवत पूजा करने के बाद जरूरतमंदों या गरीबों को वस्त्र,तिल, अनाज आदि दान करें.
श्री सूर्यदेव की आरती
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान.
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा.
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान..
..ॐ जय सूर्य भगवान.....
सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी. तुम चार भुजाधारी..
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे. तुम हो देव महान..
..ॐ जय सूर्य भगवान.....
ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते. सब तब दर्शन पाते..
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा. करे सब तब गुणगान..
..ॐ जय सूर्य भगवान.....
संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते. गोधन तब घर आते..
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में. हो तव महिमा गान..
..ॐ जय सूर्य भगवान.....
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते. आदित्य हृदय जपते..
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी. दे नव जीवनदान..
..ॐ जय सूर्य भगवान.....
तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार. महिमा तब अपरम्पार..
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते. बल, बुद्धि और ज्ञान..
..ॐ जय सूर्य भगवान.....
भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं. सब जीवों के प्राण तुम्हीं..
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने. तुम ही सर्वशक्तिमान..
..ॐ जय सूर्य भगवान.....
पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल. तुम भुवनों के प्रतिपाल..
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी. शुभकारी अंशुमान..
..ॐ जय सूर्य भगवान.....
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान.
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा.स्वरूपा..
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान..
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आज सूर्य जयंती इस मंत्र-विधि से करें सूर्यदेव की पूजा और आरती, मिलेगा बल, धन और ऐश्वर्य का वरदान