डीएनए हिंदीः सूर्य सिंह राशि कन्या राशि में प्रवेश कर चुके हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कन्या संक्रांति का विशेष महत्व है. सूर्य का ये गोचर कुछ राशियों के लिए परेशानियों और कष्ट को बढ़ा देगा.
वैदिक ज्योतिष में जिस दिन सूर्य अपनी राशि बदलता है उसे संक्रांति कहा जाता है. सूर्य प्रत्येक राशि में लगभग एक माह तक रहता है. यूं तो साल के 12 महीनों में सूर्य 12 राशियों की एक बार परिक्रमा करता है. कल रविवार 17 सितंबर को सूर्य का दोपहर 1 बजकर 42 मिनट पर कन्या राशि में गोचर हो चुका है. इस दिन को कन्या संक्रांति के नाम से जाना जाता है.
कन्या संक्रांति का महत्व
कन्या संक्रांति हिंदू धर्म में एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है. क्योंकि इस दिन सूर्य का आधा राशि चक्र पूरा होता है. कन्या संक्रांति में नदी में स्नान करना, मृत पूर्वजों को तर्पण देना और गरीबों की सेवा करना शामिल है.
कन्या संक्रांति पर जरूर करें सूर्य पूजा
कन्या संक्रांति पर सूर्य को अर्घ्य देने की प्रथा है. सुबह उठकर स्नान करें और तांबे के लोटे में जल, लाल फूल और चावल लेकर सूर्य देव को अर्पित करें. उनके साथ 'ओम सूर्याय नम:' मंत्र का जाप करें. फिर किसी गरीब व्यक्ति को तांबे के बर्तन में गुड़ रखकर दान करना चाहिए.
सूर्य देव पंचदेवता में से एक हैं
सूर्य सौरमंडल का राजा है. सूर्य के तीन पुत्र शनि, यमराज और यमुना हैं. हनुमानजी सूर्य को अपना गुरु मानते थे. बजरंगबली ने सूर्य के साथ-साथ चलते हुए सूर्य से ही समस्त वेदों का ज्ञान प्राप्त किया. सूर्य पंचदेवों में से एक हैं. शेष चार हैं गणेशजी, शिवजी, विष्णुजी और देवी दुर्गा.
कन्या संक्रांति का किसी भी राशि पर क्या प्रभाव पड़ता है?
17 सितंबर को दोपहर बाद सूर्य का सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश हुआ था. मेष, कर्क, वृश्चिक और धनु राशि वाले जातकों के लिए यह दिन अच्छे परिणाम लेकर आएगा. इस दौरान वे जीवन में काफी सुधार कर सकते हैं. वहीं कन्या संक्रांति से मिथुन, तुला और कुंभ राशि वाले जातकों के जीवन में परेशानियां बढ़ेंगी. इन्हें कार्यक्षेत्र और व्यापार में सावधानी बरतनी चाहिए. वृष, सिंह, कन्या, मकर और मीन राशि वालों के जीवन में सब कुछ सामान्य रहेगा.
कन्या संक्रांति का देश-दुनिया पर प्रभाव
कन्या संक्रांति में व्यापार मंदा हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि शेयर बाज़ार नीचे रहेगा. हालांकि, ज्योतिषियों का कहना है कि बुधादित्य के साथ जुड़ने से शेयर बाजार को मजबूती मिलेगी. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में तेजी आएगी. इसके शुभ परिणाम हमारे देश में भी आयेंगे. हालाँकि इस समय कुछ राजनीतिक उथल-पुथल हो सकती है. सरकार के खिलाफ विरोध आंदोलन जोर पकड़ सकता है. उसके साथ रेल दुर्घटना, प्राकृतिक आपदाओं का भी खतरा रहता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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