Somvati Amavasya 2024 Puja Vidhi And Niyam: हिंदू धर्म में अमावस्या का बड़ा महत्व है. इस दिन पितरों की पूजा अर्चना करने से पितृदोष दूर हो जाता है. इस दिन व्रत, पूजा-पाठ, स्नान और दान का विशेष महत्व होता है. सभी अमावस्या में मौनी और सोमवती अमावस्या को सबसे बड़ा माना जाता है. इनका सभी अमावस्याओं में सबसे ज्यादा महत्व है. सोमवती अमावस्या पर स्नान के बाद दान करने और पितरों की पूजा अर्चना करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. जीवन में परेशानी और कष्ट नष्ट हो जाते हैं. सभी काम अपने आप बनते चले जाते हैं. आइए जानते हैं कि इस बार कब है सोमवती अमावस्या, पूजा विधि और नियम
इस दिन है सोमवती अमावस्या
हिंदू धर्म में अमावस्या का बड़ा महत्व होता है. इस दिन अमावस्या का व्रत रखने के साथ ही पितरों की पूजा अर्चना की जाती है. इनमें सोमवती अमावस्या सबसे बड़ी अमावस्याओं में से एक है. इस बार भाद्रपद मास की अमावस्या सोमवार को 2 सितंबर 2024 को होगी.
सोमवती अमावस्या का महत्व और पूजा विधि
सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान से लेकर दान का बड़ा महत्व है. इस दिन पितरों की पूजा अर्चना करने से पितृदोष दूर होता है. इसके लिए सुबह स्नान के बाद दान करें. पितरों की पूजा अर्चना कर उनके लिए खाना निकालें और गाय को दें. ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं. जीवन में आने वाले कष्टों को दूर करते हैं.
सोमवाती अमावस्या जरूर करें ये काम
सोमवाती अमावस्या पर यह काम जरूर करने चाहिए. इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और सभी की मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं. इसके लिए पवित्र नदियों में स्नान करें. इस दिन दान जरूर करें. साथ ही गरीब और जरूरतमंदों को सम्मान दें. पितरों का तर्पण और पिंडदान जरूर करें. इस दिन पितृ गायत्री मंत्र या अपने पूर्वजों को समर्पित अन्य मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए.
सोमवती अमावस्या पर भूलकर भी न करें ये काम
सोमवाती अमावस्या पर भूलकर भी ये काम नहीं करने चाहिए. इनमें मुख्य रूप से मांसाहारी भोजन, शराब के अलावा चना, मसूर की दाल, सरसों का साग और मूली को न खाएं. इस दिन बुजुर्ग या किसी गरीब का अनादर न करें. गुस्सा करने से बचें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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इस दिन रखा जाएगा सोमवती अमावस्या का व्रत, जानें नियम और पितरों की पूजा विधि