ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव को कर्मफल दाता और न्याय का देवता कहा जाता है. उनका जन्म ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हुआ था. इसी कारण से हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है.
वैदिक पंचांग के अनुसार शनि जयंती के दिन 7 मिनट का शुभ योग बन रहा है, जो सर्वार्थ सिद्धि योग है. शनि जयंती पर पूजा, दान आदि करने से शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है. इस वर्ष शनि जयंती कब है? शनि जयंती का शुभ मुहूर्त और शुभ संयोग क्या है?
किस दिन है शनि जयंती?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष शनि जयंती के लिए आवश्यक ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 26 मई, सोमवार को दोपहर 12:11 बजे से शुरू होगी. यह तिथि 27 मई, मंगलवार को सुबह 8.31 बजे तक मान्य है. ऐसी स्थिति में, जन्म तिथि को शनि जयंती के रूप में जाना जाता है. इस कारण शनि जयंती 27 मई, मंगलवार को मनाई जाएगी.
वैदिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष शनि जयंती पर सुबह 7 बजकर 7 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. यह बहुत ही शुभ योग माना जाता है. इस योग में आप जो भी कार्य करते हैं, उसका फल अवश्य मिलता है, आपको उसका शुभ फल मिलता है. कार्य में सफलता. उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रातः 05:25 से 05:32 बजे तक है.
शनि जयंती पर कौन-कौन से योग बन रहे?
शनि जयंती पर सर्वार्थ सिद्धि योग के अलावा सुकर्म और धृति योग भी बन रहा है. उस दिन सुकर्मा योग सुबह 10:54 बजे तक रहेगा. इसके बाद धृति योग बनेगा. ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर द्विपुष्कर योग सुबह 05:02 से 5:25 तक रहेगा. यह 28 मई को होगा. चूंकि सुकर्मा योग रात तक रहेगा, इसलिए आप सूर्योदय से ही शनि जयंती की पूजा कर सकते हैं. यह एक शुभ योग है. हालाँकि, सर्वार्थ सिद्धि योग शनि पूजा के लिए बहुत अच्छा है. लेकिन यह केवल 7 मिनट के लिए है.
शनि जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त
27 मई को शनि जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:03 से 04:44 तक है. इस समय स्नान करके शनिदेव की पूजा व व्रत का संकल्प लेना चाहिए. यदि आप इस समय नहीं उठ सकते तो सूर्योदय के बाद भी यह काम कर सकते हैं. शनि जयंती का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:51 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आइए जानते हैं शनि जयंती पर शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति पाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं.
मेष राशि- शनि जयंती के दिन मेष राशि के लोगों को काले तिल और उड़द की दाल का दान करना चाहिए. यह उपाय शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए उपयोगी माना जाता है.
वृषभ राशि - पीपल का वृक्ष शनि ग्रह का निवास स्थान है. इसलिए इस दिन शाम के समय पीपल के पेड़ की पूजा करें, जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं. ऐसा करने से आपको शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है.
मिथुन राशि - मिथुन राशि के लोगों को शनि जयंती पर काले कपड़े पहनने चाहिए और 'ॐ शनि शनैश्चराय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. यह उपाय मानसिक शांति प्रदान करता है तथा शनि के प्रभाव से राहत देता है.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है, जो लोक कथाओं और मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टी नहीं करता है)
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