Shani Dosh Remedies: ज्योतिष में शनिदेव को न्यायधिश न्याय का देवता बताया गया है. शनि को सबसे क्रूर ग्रह भी माना जाता है. इसकी वजह शनि का कर्म के अनुसार फल देना है. जिस पर शनि प्रसन्न हो जाते हैं. उस व्यक्ति की दरिद्रता को दूर कर राजा बना देते हैं. वहीं शनि के नाराज होने पर राजा को भी दरिद्र बनने में ज्यादा समय नहीं लगता. शनि के प्रकोप की वजह से व्यक्ति को जीवन में भारी तंगी और मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. दिनरात मेहनत करने पर भी अच्छे फल प्राप्त नहीं होते. बहुत से लोग शनि की पीड़ा से परेशान हो जाते हैं. अगर आप भी शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या या फिर शनि दोष झेल रहे हैं तो इन उपायों को कर सकते हैं.
हिंदू धर्म में प्रत्येक देवी-देवता कोई न कोई दिन समर्पित होता है. शनिवार का दिन भगवान शनि को समर्पित है. ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी इस दिन भगवान शनि की पूजा करता है, उसे भगवान शनि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. यश उसके पैर चूमता है. नौकरी में प्रगति होती है. व्यापार बढ़ता है. जीवन सुखमय रहता है, लेकिन कभी-कभी व्यक्ति शनि दोष से पीड़ित हो जाता है. शनि दोष के लक्षण क्या हैं? जानें इससे बचने के क्या उपाय हैं.
शनि दोष कब होता है?
ज्योतिषशास्त्र कहता है कि जब कुंडली में शनि नीच राशि में होता है तो शनि दोष उत्पन्न होता है. इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति ने किसी जीव की हत्या की है तो वह शनि दोष से प्रभावित होता है. यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्नी का अपमान करता है या उसके साथ दुर्व्यवहार करता है, तो वह भी शनि दोष से प्रभावित होता है. वहीं अगर किसी व्यक्ति ने शनिदेव की पूजा में कोई गलती की है तो वह शनि दोष से ग्रस्त हो जाता है.
शनि के अशुभ होने पर जीवन में होती हैं ये घटनाएं
कुंडली में शनि दोष होने पर परिवार के सदस्यों के साथ उसके संबंध खराब हो जाते हैं. रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के साथ रोजाना झगड़े होते हैं और परिवार का माहौल तनावपूर्ण हो जाता है.
कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर होने पर व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है और उसे बात-बात पर गुस्सा आने लगता है. इसलिए वह मानसिक रूप से परेशान रहता है.
शनि दोष के लक्षण
- चल रहा कार्य बाधित है.
- ऋण में वृद्धि.
- धन का व्यय.
- वाद विवाद करना
- कड़ी मेहनत के बावजूद जीवन में सफलता नहीं मिलती.
शनि दोष से बचने के लिए करें ये उपाय
- शनि के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए. वृक्ष की सात बार परिक्रमा करनी चाहिए.
- शनिदेव की स्तुति करें और चालीसा का पाठ करें.
- शनिवार को शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए.
- शनिवार को शनिदेव को उड़द की दाल अर्पित करनी चाहिए.
- शमी वृक्ष की पूजा शनिवार को करनी चाहिए.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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क्या आप भी झेल रहे हैं शनि दोष, जानें शनिदेव को प्रसन्न कर सभी दोषों से मुक्ति के उपाय