डीएनए हिंदी: शिरडी वाले साईं बाबा की पूजा के लिए गुरुवार का दिन बहुत महत्व रखता है. इस दिन साईं को दिल से याद कर भर लेने से मनुष्य की समस्याएं दूर हो जाती हैं. साईं की पूजा बहुत ही साधारण तरीके से की जाती हैं, लेकिन इस पूजा के भी कुछ नियम हैं.
साईं बाबा की पूजा और उनके नाम का व्रत रखने से आपकी सोई किस्मत जाग सकती है. तो चलिए आज आपको साईं पूजा की विधि, भोग और पुष्प आदि से जुड़ी जानकारी दें.
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ऐसे करें साईं की पूजा
साईं प्रेम के भूखे हैं इसलिए उनकी पूजा हमेशा स्वच्छ और सच्चे मन से करें. गुरुवार के दिन स्नान के बाद साईं की पूजा या व्रत का संकल्प लें और उनकी प्रतिमा या तस्वीर पर गंगाजल के छीटें देकर पीले वस्त्र अर्पित करें. इसके बाद पीले पुष्प, रोली और अक्षत अर्पित करें. धूप, घी से उनकी आरती उतार कर उनकी आरती करें और खिचड़ी या बेसन के लड्डू अथवा हलवे का भोग लगाएं. बाबा का प्रसाद लोगों को जरूर बांटें. खास कर गरीबों में इसका दान कारना बहुत पुण्यकारी माना जाता है.
साईं व्रत नियम
साईं बाबा का व्रत 9 या 11 गुरुवार करनी चाहिए. व्रत में फलाहार ले सकते है. शाम के समय साईं के सामने दीप जरूर जलाएं और व्रत कथा जरूर सुनें. व्रत के दौरान अगर स्त्रियों को मासिक समस्या आए या फिर अन्य कारणों से आप व्रत नहीं कर सकते तो आप दूसरे गुरुवार को व्रत कर सकते हैं. व्रत के अंतिम दिन गरीबों को खाना खिलाएं और दान करें. व्रत 5, 11 या फिर 21 की संख्या में भी रखे जा सकते हैं.
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साईं बाबा व्रत कथा
गुजरात शहर में कोकिला और उसका पति महेशभाई रहते थे. महेशभाई का स्वाभाव झगड़ालू था. वहीं कोकिला धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी. उसके पति के झगड़ालू स्वाभाव के कारण धंधा-रोजगार ठप होने लगा और दूसरा कमाई को कोई जरिया नहीं था. रोजगार ठप हो जाने की वजह से महेशभाई अब दिनभर घर पर ही रहने लगे और अब उन्होंने गलत राह पकड़ ली. खाली रहने के कारण उनका स्वभाव भी अधिक चिड़चिड़ा हो गया.
एक दिन दोपहर का समय था. एक बुजुर्ग इंसान दरवाजे पर आकार खड़े हो गए और उन्होंने दल-चावल की मांग की. धार्मिक स्वभाव की कोकिला बहन ने दल-चावल दिए और दोनों हाथों से उस बुजुर्ग इंसान को प्रणाम किया. बुजुर्ग ने कहा साईं सुखी रखे, तब कोकिला बहन ने कहा बाबा सुख मेरी किस्मत में नहीं है और फिर उन्होंने अपने बारे में सभी जानकारी दी.
तब बुजुर्ग इंसान ने कोकिला बहन को साईं बाबा के व्रत के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस व्रत के करने से सभी मनोकामना पूरी होगी और बाबा का आशीर्वाद हमेशा उसके घर पर बना रहेगा. बुजुर्ग की बात मानकर कोकिला बहन ने 9 गुरुवार व्रत किया. जैसे बाबा ने बताया सभी कार्य किए. उसके थोड़े समय के बाद घर में सुख समृधि बढ़ गई. दोनो पति-पत्नी सुख-शांति से रहने लगे. उनका धंधा-रोजगार फिर से चालू हो गया और महेशभाई का स्वाभाव भी बदल गया.
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एक दिन कोकिला बहन के जेठ-जेठानी सूरत से आए. बातों-बातों में उन्होंने बताया कि उनके बच्चें पढ़ाई-लिखाई में ध्यान नहीं देते हैं, जिसकी वजह से वह परिक्षा में फेल भी हो जाते हैं. तब कोकिला बहन ने 9 गुरुवार साईं बाबा का व्रत रखने को कहा और उनकी महिमा के बारे में बताया. साईं बाबा के भक्ति से बच्चे अच्छी तरह पढ़ाई-लिखाई कर पाएंगे लेकिन इसके लिए साईं बाबा पर विश्वास रखना बहुत जरूरी है.
सूरत से उनकी जेठानी का थोड़े दिनों में पत्र आया कि उनके बच्चे साईं व्रत करने लगे है और बहुत अच्छे तरह से पढ़ते है. उन्होंने भी व्रत किया था और व्रत की किताबें जेठ के ऑफिस में दी थी. फिर एक के बाद ऐसे कई अद्भुत चमत्कार हुए. हे साईं बाबा आप जैसे सभी लोगों पर प्रसन्न होते है, वैसे हम पर भी होना और अपना आशीर्वाद हमेशा बनाए रखना.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Thursday Sai Puja: गुरुवार को साईं पूजा से पूरी होगी मनोकामना, जानें व्रत पूजा विधि और कथा