डीएनए हिंदीः हिंदू पंचांग की मानें तो एक महीने में दो बार एकादशी आती है, एक एकादशी कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) के रूप में मनाया जाता है.
कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत को राक्षसों से बचाने के लिए के लिए इसी दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप लिया था. इस दिन व्रत रख पूजा पाठ करने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. मोहिनी एकादशी के दिन व्रत कथा पढ़ने का विशेष महत्व माना जाता है. आइए जानते हैं मोहिनाी एकादशी के व्रत कथा के बारे में.
Mohini Ekadashi के दिन पढ़ें व्रत कथा
मोहिनी एकादशी(Mohini Ekadashi) के दिन व्रत कथा सुनने और पढ़ने को जरूरी बताया जाता है. कथा में बताया गया है कि सरस्वती नदी के किनारे भद्रावती नाम का एक नगर था. यहां धनपाल नाम का वैश्य रहता था जो धन-धान्य से परिपूर्ण था. वह सदा पुण्य कर्म में ही लगा रहता था. उसके पांच पुत्र थे. इनमें से सबसे छोटे बेटे का नाम धृष्टबुद्धि था जो पाप कर्मों में अपने पिता का धन खर्च करता रहता था. एक दिन वह नगर वधू के गले में बांह डाले चौराहे पर घूमता पाया गया और इससे नाराज होकर पिता ने उसे घर से निकाल दिया तथा बंधु-बांधवों ने भी उसका साथ छोड़ दिया.
इसके बाद वह दिन-रात दु:ख और शोक में डूब कर इधर-उधर भटकने लगा. एक दिन वह वैशाख के महीने में किसी पुण्य के प्रभाव से महर्षि कौण्डिल्य के आश्रम पर जा पहुंचा. कौण्डिल्य गंगा में स्नान करके आए थे. धृष्टबुद्धि शोक के भार से पीड़ित हो मुनिवर कौण्डिल्य के पास गया और हाथ जोड़कर बोला, ब्राह्मण ! द्विजश्रेष्ठ ! मुझ पर दया कीजिए और कोई ऐसा व्रत बताइए जिसके पुण्य के प्रभाव से मेरी मुक्ति हो. इसके बाद ऋषि कौण्डिल्य ने बताया कि वैशाख माह के शुक्लपक्ष में मोहिनी नाम से प्रसिद्ध एकादशी(Mohini Ekadashi) का व्रत करो. इस व्रत से कई जन्मों के कष्ट नष्ट हो जाते हैं.
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इस दिन व्रत रखने से मिलती है सुख और समृद्धि
मोहिनी एकादशी(Mohini Ekadashi) के दिन व्रत रखने से सुख और समृद्धि प्राप्त होती है. इसके अलावा इस दिन तुलसी के दीपक जलाकर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करना भी शुभ माना जाता है. लोगों का मानना है कि इस दिन पूजा पाठ करने पर दोगुना ज्यादा फायदे मिलते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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