डीएनए हिंदीः राम मंदिर का उद्घाटन शनिवार 22 जनवरी 2024 को होगा. तारीख तय हो गई है. उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे. उस दिन रामलला की मूर्ति का विधिवत उद्घाटन किया जाएगा. 2.7 एकड़ भूमि में फैला अयोध्या का राम मंदिर करीब 162 फीट ऊंचा है. मंदिर परिसर में श्री राम के मुख्य मंदिर के अलावा छह अन्य मंदिरों का निर्माण किया गया है. मंदिर का मुख्य द्वार सिंहद्वार के नाम से जाना जाएगा.
मंदिर निर्माण के साथ-साथ पूरे अयोध्या शहर को सजाने-संवारने का काम भी चल रहा है. अयोध्या नगरी को त्रेता युग की शैली में सजाया जा रहा है. चूंकि राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था, इसलिए इस प्राचीन शहर को त्रेता युग के सांचे में सजाया जा रहा है. श्री रामचन्द्र सूर्य वंश के राजा थे. इसी कारण सड़क के दोनों ओर सूर्य स्तंभ या सूर्य के आकार में बने स्तंभ लगाए गए हैं.
जिला प्रशासन ने बताया कि राम मंदिर की ओर जाने वाली सड़क का नाम धर्मपथ रखा गया है. फिर नयाघाट से सहादतगंज तक की सड़क का नाम रामपथ है. इन रास्तों के दोनों ओर की दीवारों पर रामायण के विभिन्न चित्र अंकित हैं. इन दीवारों पर टेराकोटा कलाकृति में रामायण की छवियाँ अंकित हैं. त्रेता काल में टेराकोटा का काम काफी लोकप्रिय था. जगमगाती अयोध्या अब पेंटिंग और कला से भरपूर है.
त्रेता युग कैसा था?
हिंदू धर्म के अनुसार, महाकाल के चार युग हैं - सत्य युग, त्रेता युग, द्वापर युग और कलि युग. मानव सभ्यता का दूसरा चरण त्रेता युग है. सनातन धर्म के अनुसार सतयुग की समाप्ति के बाद त्रेता युग का प्रारम्भ होता है. पुराणों के अनुसार त्रेता युग लगभग 12 लाख 96 हजार वर्ष पूर्व अस्तित्व में था. त्रेता युग में मनुष्य का औसत जीवन काल लगभग 10,000 वर्ष था. त्रेता युग में तीन भाग धर्म और एक भाग अधर्म था. इस दौरान अधिकांश लोगों ने धर्म का मार्ग अपनाया और अपने कर्मों के अनुसार फल प्राप्त किया.
रामचन्द्र का त्रेता युग से सम्बन्ध
त्रेता युग में विष्णु ने तीन अवतार धारण किये. ये तीन अवतार हैं बामन अवतार, परशुराम अवतार और श्रीराम अवतार. श्री विष्णु के दस अवतारों में से एक श्री राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था. महर्षि वाल्मिकी की रामायण के अनुसार राम अयोध्या के राजा दशरथ के सबसे बड़े पुत्र थे. अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए वे 14 वर्ष के लिए वनवास पर चले गये. उस समय उन्होंने रावण तथा अन्य राक्षसों का वध किया. वह 14 वर्ष बाद अयोध्या लौटे और राजगद्दी संभाली.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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राम मंदिर से अयोध्या तक त्रेता युग की शैली पर सज रहा है, जानिए कैसा था त्रेता युग