डीएनए हिंदी: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) भारत जोड़ो यात्रा (Congress's Bharat Jodo Yatra) के बाद मंगलवार को कश्मीर घाटी (Jammu and Kashmir) के गांदरबल के तुलमुल्ला स्थित माता खीर भवानी दुर्गा मंदिर (Kheer Bhavani Temple) में दर्शन करने पहुंचे. राहुल गांधी पहले भी कई बार इस मंदिर में खीर भवानी देवी के दर्शन के लिए आ चुके हैं.
यह मंदिर अपनी परंपराओं और मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है. इस मंदिर प्रांगण में एक प्राचीन कुंड भी है, जो बहुत ही खास माना जाता है. चलिए जानते हैं, क्यों इतना खास है ये मंदिर और कुंड..
भगवान राम-रावण से जुड़ा है मंदिर का किस्सा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण खीर भवानी (जिन्हें राग्यानी देवी भी कहते हैं) का परम भक्त था. एक बार रावण की तपस्या से प्रसन्न होकर माता ने रावण को दर्शन दिया. रावण ने देवी को कुलदेवी मानकर लंका में उनका भव्य मंदिर बनवाया. लेकिन, जब भगवान राम ने रावण का वध कर दिया तो देवी ने वो स्थान छोड़ दिया और जम्मू-कश्मीर के तुलमुला नामक स्थान पर आकर बस गईं.
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जिसके बाद में भगवान राम ने मां राज्ञा को रागिनी कुंड में स्थापित किया. तभी से देवी इस मंदिर में ही विराजमान हैं. वर्तमान में यहां जो मंदिर है, उसका निर्माण 1912 में महाराजा प्रताप सिंह ने कराया था जिसके बाद महाराजा हरी सिंह ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया.
कुंड से जुड़ी है यह मान्यता
मंदिर में एक प्राचीन कुंड है, जिसे रागिनी कुंड के नाम से जाना जाता है. इस कुंड के बीचों-बीच मां खीर भवानी की प्रतिमा स्थापित है. कुंड से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित हैं. मान्यता है कि जब भी इस क्षेत्र में कोई मुसीबत आने वाली होती है, तो इस कुंड के पानी का रंग बदल जाता है. स्थानीय लोगों के अनुसार जब कारगिल युद्ध हुआ तो इसके कुछ दिन पहले ही इस कुंड का पानी लाल हो गया था.
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खीर का लगता है भोग
मंदिर में विशेष रूप से देवी को खीर का भोग लगाया जाता है, इसलिए इसे खीर भवानी मंदिर के नाम से जाना जाता है. हर साल ज्येष्ठ मास की अष्टमी तिथि पर यहां मेले का आयोजन होता है. यहां के लोगों को इस मेले का बेसब्री से इंतजार रहता है. इतना ही नहीं विदेशों में बसे कश्मीरी पंडित भी इस मेले में शामिल होने के लिए इस समय यहां पहुंचते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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देवी खीर भवानी के मंदिर में बना कुंड देता है अनहोनी का संकेत, श्रीराम-रावण से है कनेक्शन