Radha Ashtami 2024: हर साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी के रूप में मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी दिन राधेरानी का जन्म हुआ था. इसे कुछ जगहों राधा जन्माष्टमी भी कहा जाता है. यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण की दुलारी राधा रानी को समर्पित है. इस बार राधा अष्टमी 11 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन राधा रानी की सुबह से ही पूजा अर्चना करने के साथ ही उनके प्रिय भोग लगाएं जाएंगे. साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाएगी. साथ ही उनके निमित्त राधा अष्टमी का व्रत रखा जाता है. इससे व्यक्ति की हर इच्छा पूर्ण होती है. जीवन में सुख शांति आती है. हर काम बनते चले जाते हैं. सांसारिक सुखों की प्राप्ति के साथ ही मोक्ष मिलता है.
ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजूमदार के अनुसार, राधेरानी की पूजा अर्चना विधि विधान से की जाती है. इसमें उन्हें प्रिय भोग लगाएं जाते हैं. साथ ही राधेरानी की आरती की जाती है. राधेरानी की आरती के बिना उनकी पूजा अर्चना पूर्ण नहीं मानी जाती. ऐसा न करने पर इच्छाएं अधूरी रह जाती हैं. ऐसे में मनोकामना पूर्ति के लिए राधेरानी की आरती जरूर गायें. आइए जानते हैं राधे रानी की आरती...
यह है राधे रानी की आरती (Radha Rani Aarti)
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी,
तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं,
सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ,
प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी,
हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी .
ये माटी का कण है तेरा,
मन और प्राण भी तेरे,
मैं एक गोपी, तुम हो कन्हैया,
तुम हो भगवन मेरे,
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी .
ओ कान्हा तेरा रूप अनुपम,
मन को हरता जाए,
मन ये चाहे हर पल अंखिया,
तेरा दर्शन पाये,
दर्श तेरा, प्रेम तेरा, आस है मेरी,
हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी .
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी,
तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं,
सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ,
प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी,
हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी .
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इस आरती के बिना अधूरी मानी जाती है राधेरानी की पूजा, इसे पढ़ने से पूर्ण होती है हर मनोकामना