डीएनए हिंदी: शंख का देवी लक्ष्मी से बेहद निकटतम संबंध है. यही कारण है कि शंख को घर में रखना उसे बजाना और उसकी पूजा करना देवी लक्ष्मी को भी प्रसन्न करता है. हालांकि बहुत से लोगों को ये पता नहीं होता है कि जिस शंख की पूजा की जाती है उसे बजाना नहीं चाहिए.
मान्यता है कि अगर घर में शंख को रखा जाता है तो इससे नकारात्मकता दूर होती और सौभाग्य के साथ बरकत आती हैं लेकिन अगर जिस शंख की पूजा की गई उसे बजाया जाए तो इसके विपरीत प्रभाव प्राप्त होते हैं. तो चलिए जानें शंख से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें.
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शंख की उत्पत्ति और महत्व
समुद्र मंथन से निकले चौदह रत्नों में से एक शंख भी है. ये देवी लक्ष्मी के भाई के रूप में माने गए हैं. इतना ही नहीं, भगवान विष्णु इसे अपने हाथ में शंख को धारण किया है. इसलिए यह मान्यता है कि जिस घर हो वहां देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का वास होता है.
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जानें शंख से जुड़े ये नियम
- शंख की पूजा रोज करनी चाहिए और पूजा मंदिर में शंख को लाल आसन पर रखना चाहिए. जिस शंख की पूजा करें उसे बजाएं नहीं.
- बजाने के लिए दूसरा शंख रखें. पूजनीय शंख को मुंख से लगाने से वह जूठा और अपवित्र हो जाता है. इसलिए ऐसा करना अशुभ फल देता है.
- पूजा में इस्तेमाल किए जाने वाले शंख में हमेशा पानी भरकर रखना चाहिए. पूजा के बाद इस पानी का छिड़काव घर में करना चाहिए.
- जिस शंख को बजाते हैं, उसे एक सफेद वस्त्र में लपेटकर पूजा के रखें लेकिन आसन लाल दें.
- बजाने से पहले शंख को गंगाजल से साफ करना चाहिए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है. )
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Puja Tips : पूजनीय शंख को बजाना होता है वर्जित, जानें कारण और पूजा के नियम