डीएनए हिंदीः हिंदू धर्म में भगवान की पूजा-पाठ को लेकर कई नियमों (Puja Niyam) के बारे में बताया गया है. पूजा के नियमों (Puja Path Niyam) के अनुसार, दोपहर के बाद पूजा करना मना है. यहीं वजह है कि दोपहर को मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. दोपहर को भगवान की पूजा (Puja Path Niyam) न करने के पीछे कई कारण बताएं गए हैं. दोपहर को पूजा करने से भगवान पूजा स्वीकार नहीं करते हैं ऐसी भी मान्यता है कि इस समय पूजा करने से घर से सुख-समृद्धि (Puja Path Niyam) चली जाती है. जबकि इस दौरान पूजा न करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है. आज हम आपको दोपहर को पूजा न करने को लेकर धर्म-शास्त्रों में बताए गए नियमों (Puja Path Niyam) के बारे में बताएंगे. तो चलिए जानते है कि दोपहर पको पूजा क्यों नहीं (Puja Path Niyam) करनी चाहिए.
पूजन का सही समय
सनातन धर्म में पूजा का बहुत ही अधिक महत्व होता है. सभी घरों में रोजाना भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यताओं के अनुसार, पूजा के लिए सबसे श्रेष्ठ समय सुबह का माना जाता है. इस समय हमारा मन बिल्कुल पवित्र होता है. ऐसे में सुबह स्नान करने के बाद भगवान की पूजा करने से अधिक लाभ मिलता है. शुभ मुहूर्त में पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और शुभ फल मिलते हैं.
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दोपहर में न करें पूजा
ऐसा माना जाता है कि दोपहर को 12 से 3 के बीच का समय भगवान के आराम का वक्त होता है. इस समय पूजा करने से भगवान पूजा को स्वीकार्य नहीं करते हैं. इस दौरान अभिजीत मुहूर्त भी होता है जो पितरों के लिए होता है. इस कारण से भी भगवान का पूजन दोपहर को नहीं करना चाहिए.
पूजा के मुहूर्त
शास्त्रों में पूजा के पांच मुहूर्त के बारे में बताया गया है. पूजा का पहला मुहूर्त सुबह 4ः30 से 5 बजे के बीच होता है. दूसरा मुहूर्त 9 बजे तक वहीं तीसरा मुहूर्त 12 बजे तक होता है. शाम का पूजा का चौथा मुहूर्त 4 से 6 बजे तक होता है. भगवान की पूजा का पांचवा मुहूर्त रात को 9 बजे तक होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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दोपहर को पूजा करना होता है वर्जित, भगवान नहीं करते हैं स्वीकार, जानें क्या है वजह