Margshirsha Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा अर्चना के लिए होता है. यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. आज मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है. यानी आज 28 नवंबर को प्रदोष व्रत रखा जाएगा. प्रदोष व्रत में महादेव की पूजा अर्चना और व्रत करना होता है.
भगवान शिव जी की पूजा से जीवन में सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है. भगवान शिव का व्रत और जलाभिषेक करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं. भोलेनाथ भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. प्रदोष व्रत की पूजा के बाद भगवान शिव की आरती करनी चाहिए. इससे भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं.
गुरु प्रदोष व्रत के ये उपाय अपनाते ही चमक जाएगी आपकी किस्मत, भगवान शिव पूर्ण करेंगे हर मनोकामना
भगवान शिव जी की आरती
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव...॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव...॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव...॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव...॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव...॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव...॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव...॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव...॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव...॥
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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प्रदोष व्रत पूजा के बाद जरूर करें भगवान शिव की आरती, भोलेनाथ पूरी करेंगे हर मनोकामना