डीएनए हिंदी : श्राद्ध पक्ष में पितरों का पिंडदान करना बहुत पुण्यकारी माना गया है. मान्यता है की पूर्वजों के तर्पण से पुरे कुल में सुख शांति और सौभाग्य का वास होता है। अगर आप अपने मृत परिजनों का पितृ पक्ष में तर्पण करते है तो वो आपको आशीर्वाद देक्र अपने पितृ लोक वापस लौट जाते हैं.
16 दिनों में तर्पण करने वालों को पूरे श्राद्ध पक्ष में कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए क्योंकि छोटी सी भूल से पूजा का फल पितरों को नहीं मिल पता है और पूर्वज नाराज हो कर पितृ लोक लौट जाते हैं. लिए चने का सेवन करना वर्जित माना जाता है. वहीं जब तक श्राद्ध चलें, तब इसे भूलकर भी नहीं खाना चाहिए.
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वहीं, पितरों को श्राद्ध में चने की दाल, चना और चने का सत्तू, बेसन की मिठाई अर्पण करना अशुभ माना जाता है. तो चलिए जानें की किन 5 काम को पितृपक्ष में जरूर करना चाहिए वरना वे नाराज हो जाते हैं.
1- तर्पण करने वाले को ब्रम्हचर्य का पालन करना चाहिए, अन्यथा पिंडदान या श्राद्ध पूर्वजों को नहीं मिलता और वो नाराज हो कर पितृ लोक लौटते हैं.
2- जब भी पूर्वजों को तर्पण के लिए जल दें तो उसमें काला तिल, लाल फूल, दूध और कुश जरूर डालें, तभी उनको वो जल मिलता है. हमेशा दक्षिण की और मुख कर जल देना चाहिए.
3- पूरे पितृ पक्ष के दौरान सबसे पहले पितरों के लिए भोजन निकालें और गाय, चीटीं, कौआ, कुत्ता और ब्राम्हण को भोजन खिलाएं.
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4- श्राद्ध कर्म साढ़े ११ बजे से लेकर ढाई बजे के बीच ही करें और उसके बाद घर में बुजुर्गों का पैर छू कर आशीर्वाद लें.
5 - गरीबों को वस्त्र और अन्न के साथ चप्पल का दान जरूर करें.
अगर इन बातों का आप ध्यान दें तो आपके पूर्वज आपको आशीर्वाद दे कर पितृ लोक लौटेंगे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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5 काम जो पितृपक्ष में जरूर करने चाहिए, नहीं तो नाराज हो जाएंगे पूर्वज