जिस तरह ज्योतिष में कुंडल और ग्रहों का महत्व होता है. वैसे ही रत्न शास्त्र में रत्न का महत्व होता है. यह रत्न अलग अलग ग्रहों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन्हें धारण करने से ग्रह मजबूत होते हैं साथ ही शुभ फल प्रदान करते हैं. इन्हीं रत्नों में से एक सफेद मोती है. यह चंद्रमा ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है. इसे धारण करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है. इसके शुभ फल प्राप्त होते हैं, लेकिन कोई रत्न ऐसे ही धारण नहीं किया जाता. उसके कुछ जरूरी नियम होते हैं, जिनका पालन कर विधि के अनुसार ही इसे धारण किया जा सकता है. वहीं इसे ऐसे ही कोई भी धारण नहीं कर सकता. इसे ज्योतिष की सलाह पर ही धारण करना चाहिए. आइए जानते हैं मोती धारण करने का नियम फायदे...
मोती धारण करने के फायदे
दरअसल मोती चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है. इसे धारण कर करने से मन की शांति मिलती है. गुस्से को कंट्रोल में रखा जा सकता है. इसके साथ ही त्वचा संबंधी समस्या में भी ये रत्न धारण करने से लाभ मिलता है. यह स्ट्रेस और ओवरथिकिंग से मुक्ति दिलाता है.
कब धारण करें मोती
मोती चंद्रमा का कारक है. यह शीतलता का प्रतीक है. मोती को सोमवार के दिन धारण करना शुभ होता है. हालांकि इसको धारण करने से पहले शुद्ध करना चाहिए. इसी के बाद मोती को धारण करना चाहिए.
ऐसे धारण करें मोती
मोती रत्न को चांदी की धातु में जड़वा कर उंगली में धारण करना चाहिए. इसे सोमवार के दिन गंगाजल, दूध और शहद से पहले मोती को शुद्ध कर लें. इसके बाद इसे महादेव के चरणों में अर्पित कर दें. इसके बाद विधिवत पूजा-अर्चना कर इस मोती को कनिष्ठिका उंगली में धारण कर लें.
ये लोग पहन सकते हैं मोती
ज्योतिष विद्या की मानें तो मेष, कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के जातकों को मोती धारण कर सकते हैं. कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर होने पर मोती धारण किया जा सकता है. वहीं मोती धारण करने से पहले ज्योतिष की सलाह जरूर लेनी चाहिए. ग्रहों की स्थिति जरूर देखनी चाहिए.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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सफेद मोती को धारण करते ही खत्म हो जाएगा चंद्रमा दोष, जानें किस दिन कैसे और कब धारण करना चाहिए ये रत्न