डीएनए हिंदी: शांकभरी पूर्णिमा 6 जनवरी को मनाई जाएगी. शाकंभरी पूर्णिमा का त्योहार पौष माह की पूर्णिमा पर शाकंभरी देवी (Shakambhari Devi) की जयंती के दिन मनाया जाता है. शाकंभरी भी देवी शक्ति के अवतार का प्रतीक है. शाकंभरी देवी (Shakambhari Devi) दुर्गा का अवतार है. दुर्गा देवी ने भयंकर अकाल के समय शांकभरी देवी (Shakambhari Devi) का अवतार लिया था. जब धरती पर कई सालों तक अकाल था तब भक्तों ने दुर्गा देवी से प्रार्थना की थी. तब उन्होंने शांकभरी देवी का अवतार लिया था. शांकभरी देवी की हजारों आखें थीं. इन आंखों से लगातार 9 दिनों तक पानी बरसता रहा था जिसके बाद पृथ्वी पर हरियाली छा गई थी. हजारों आंखें होने की वजह से इन्हें शताक्षी भी कहा जाता है.
शांकभरी देवी का स्वरुप (Shakambhari Devi Swaroop)
शांकभरी देवी आदिशक्ति देवी दुर्गा का ही रूप है. देवी दुर्गा के रत्तदंतिका, भीमा, भ्रामरी, शांकभरी आदि सभी रूप प्रसिद्ध हैं.
यह भी पढ़ें - Lohri 2023: इस दिन होगी लोहड़ी, जान लें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और दुल्ला-भट्टी की कहानी
पौष पुर्णिमा पर करें ये उपाय (Paush Purnima Upay)
पौष पुर्णिमा के दिन भक्तों को गरीब और जरूरतमंद लोगों को अनाज, फल, सब्जी का दान करना चाहिए. अगर आप दान करने में समर्थ नहीं हैं तो आप किसी मंदिर में अपनी इच्छा अनुसार रुपए दान कर सकते हैं.
शांकभरी पूर्णिमा पर इस विधि से करें पूजा (Shakambhari Devi Puja Vidhi)
शांकभरी पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. मां शांकभरी की चौकी लगाएं और विधि विधान के साथ पूजा करें. माता की आरती उतारें और सब्जी व फलों का भोग लगाएं. मंदिर जाकर प्रसाद चढाएं और जरूरतमंद लोगों को दान दें.
यह भी पढ़ें - Ketu Bad Effects: नए साल में केतु का होगा बुरा प्रभाव, शुरू कर दें आज से ही ये उपाय
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Shakambhari Purnima 2023: पौष माह की शाकंभरी पूर्णिमा कब है? नोट करें डेट, स्नान-दान का महत्व भी जानें