मनुष्य के जीवन में समस्याओं का मतलब केवल पैसा नहीं है. इसका एक बड़ा कारण पितृ दोष भी हो सकता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस व्यक्ति को माता-पिता का दोष लगता है उसके जीवन में कठिनाइयां बढ़ सकती हैं. पितृ दोष केवल उस व्यक्ति तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों को भी प्रभावित कर सकता है. ऐसे समय में काले तिल के कुछ उपाय से पितृ दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है.
पुराणों के अनुसार, पितृ दोष केवल उस व्यक्ति तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आने वाली सात पीढ़ियों को भी प्रभावित कर सकता है. इसीलिए जिस व्यक्ति पर उसके पूर्वजों का आशीर्वाद होता है उसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है. दूसरी ओर, पितर नाराज होते हैं और उन्हें पितृ दोष का सामना करना पड़ता है.
1-अमावस्या या पितृ पक्ष के दौरान जब आप अपने पितरों को तर्पण दें तो जल में आवश्यकतानुसार काले तिल डालें. ऐसा माना जाता है कि काले तिल यमराज को बहुत प्रिय होते हैं. ऐसा करने वालों से पितर प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा, जो पितर यम लोगों के बीच कष्ट सहते हैं, उन्हें इससे राहत मिलती है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है.
2-अर्यमा को पितरों का देवता कहा जाता है. इसलिए अमावस्या या पितृ पक्ष के दौरान अर्यमा की पूजा करें और उन्हें काले तिल अर्पित करें. ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा वंश को अर्यमा और पितर दोनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
3-पितृ पक्ष में पितरों के लिए इंद्रिया एकादशी व्रत रखा जाता है. इस दिन श्रीहरि को काले तिल अर्पित किये जाते हैं. माना जाता है कि तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु से हुई है. इसलिए तिल का भोग लगाने के बाद विधिपूर्वक व्रत करें. इससे भगवान विष्णु और पितर दोनों प्रसन्न होंगे. हरि की कृपा से पितरों को वैकुण्ठ की प्राप्ति होगी.
4-पितृ पक्ष के समय पूजा में काले तिल का प्रयोग करने से कुंडली का त्रिग्रही दोष शांत हो जाता है. काले तिल से राहु, केतु और शनि ये तीन ग्रह शांत होते हैं और इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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