डीएनए हिंदी (Maa Durga Shatakshi and Shakambhari) नवरात्रि का समय मां दुर्गा की उपासना के लिए सबसे उत्तम समय माना जाता है (Shardiya Navratri 2022). इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा की अनेक रूपों की पूजा होती है, हमें अक्सर मां दुर्गा के इन सभी रूपों के बारे में अलग-अलग कथा सुनने को मिल जाती है. इन्हीं में से एक कथा है मां दुर्गा के शाकंभरी (Shakambhari) व शताक्षी (Shatakshi) रूप की जिसका उल्लेख देवी भागवत पुराण में किया गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस कथा को सुनने मात्र से ही देवी मां प्रसन्न होकर भक्त के कष्टों को दूर कर देती हैं. आइए जानते हैं, क्यों मां दुर्गा को कहा जाता है शाकंभरी व शताक्षी और क्या है इसका महत्व.
इस वजह से मां दुर्गा को कहा जाने लगा शताक्षी
देवी भागवत पुराण (Devi Bhagwat Puran) के अनुसार प्राचीन समय में हिरण्याक्ष वंश के राजा रुरु के घर पुत्र के रूप में दुर्गम नामक राक्षस पैदा हुआ. जिसने ब्रह्म देव की कठोर तपस्या की और उनको प्रसन्न करने में सफल हो गया. वरदान में ब्रह्मा जी से उसने वेद प्राप्त कर लिए. जिसकी वजह से पूरे सृष्टि में हवन- पूजन सहित सारी वैदिक क्रियाएं होनी बंद हो गईं. कहा जाता है कि हवन का भाग नहीं मिलने पर देवताओं की शक्ति कम हो गई इसके साथ ही अन्न- जल, औषधि सभी का सूखा पड़ गया. इससे संकट से मुक्ति पाने के लिए देवताओं व ब्राह्मणों ने हिमालय पर जाकर माता पार्वती की पूजा की, जिससे माता पार्वती प्रसन्न हुईं और सहस्त्र नेत्रों से संपन्न दिव्य रूप में माता ने उनको दर्शन दिया.
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देवताओं और ब्राह्मणों को दुखी देख मां के सहस्त्र नेत्रों से आंसुओं की धाराएं बहने लगी. जो तीनों लोकों में जलधारा के रूप में बहने लगी, इससे औषधियों को फिर से जीवन मिल गया. इसकी वजह से देवताओं व ब्राह्मणों ने मां की स्तुती कर उनका एक नाम शताक्षी रख दिया.
इसलिए मां दुर्गा को कहा जाता है शाकंभरी
इसी प्रसंग में आगे उल्लेख मिलता है कि देवताओं और ब्राह्मणों की स्तुति से मां प्रसन्न हुईं और पीड़ा सुन उन्होंने अपने हाथों से खाने के लिए देवतवाओं और ब्राह्मणों को शाक-सब्जी तथा स्वादिष्ट फल दिए. साथ ही मां ने उनको विभिन्न तरह के अन्न और पशुओं के लिए तृण व चारा भी दिया. उसी दिन से मां भगवती का नाम शाकंभरी हुआ. जिसके बाद मां भगवती ने दुर्गम राक्षस से युद्ध किया और उसे परास्त कर वेद को वापस देवताओं को सौंप दिया.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Shatakshi and Shakambhari: इस नवरात्रि जानें देवी के इन रूपों की पूरी कथा, जानकारी कर देगी हैरान