डीएनए हिंदी : होली आ रही है. यह भक्त प्रह्लाद की कहानी है. प्रह्लाद असुर कुल के राजा हिरण्यकश्यप का बेटा था. उसकी ईश्वर भक्ति के चर्चे थे. हिरण्यकश्यप को बेटे का ईश्वर भक्त होना जंचता नहीं था. प्रह्लाद से ख़फ़ा होकर हिरण्यकश्यप ने उसकी जान लेनी चाही. प्रह्लाद की बुआ होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं जलेगी. अपने भाई के आदेश पर प्रह्लाद को गोद में लेकर होलिका आग में बैठ गई पर प्रभु इच्छा से प्रह्लाद तो बच गया, होलिका जल गयी. होली प्रह्लाद के बचने के उपलक्ष्य में मनाई जाती है. बाल भक्तों में प्रह्लाद का ख़ास स्थान है पर प्रह्लाद के अतिरिक्त भी भारतीय मिथक में कई और बच्चों का ज़िक्र है जिनकी निष्ठा की दाद दी जाती है.
आरुणि - आरुणि का क़िस्सा गुरु भक्ति का क़िस्सा है. कहा जाता है कि एक बार ज़ोरदार बारिश के दिनों में आरुणि से कहा गया कि वह धान के खेत में जाकर देखे, कहीं पानी मेड़ काटकर खेत से बाहर न निकल गया हो. आरुणि खेत पर गया और मेड़ बनाने की कोशिश की. यह करना मुश्किल रहा क्यों एक हिस्सा बार-बार पानी के बहाव से कट जा रहा था. खेत से पानी निकलने से बचने के लिए आरुणि ख़ुद उस हिस्से पर लेट गया. वह तब तक वहां लेटा रहा जब तक बारिश बंद गई.
अष्टावक्र - अष्टावक्र को ज्ञान का भण्डार के तौर पर देखा जाता है. अष्टावक्र की पढ़ाई के प्रति निष्ठा के क़िस्से के अनुसार उसने दस साल की उम्र में राजा जनक के प्रिय सभासद को हरा दिया था.
ध्रुव - विष्णु पुराण के अनुसार ध्रुव को ज्ञान के लिए की गई अपनी भक्ति के लिए जाना जाता है. जब ध्रुव को उसकी सौतेली मां ने पिता की गोद से उतार दिया था तो दुखी ध्रुव को उसकी मां ज्ञान प्रति के लिए विष्णु की पूजा की सलाह दी थी. बाद में ध्रुव इतना सम्मानित हुआ कि उसे तारों में सबसे ख़ास स्थान मिला, ध्रुव तारा का स्थान.
- Log in to post comments