Naga Sadhu Niyam: महाकुंभ में नागा साधु भारी संख्या में पहुंचते हैं. इन्हें देखकर बहुत से लोग जहां आश्चर्यचकित हो जाते हैं, लेकिन इनका जीवन इतना आसान नहीं होता. इन्हें जीवनभर कठोर नियमों का पालन करना पड़ता है. इन नियमों का पालन नहीं करने पर गुरु की कृपा से वंचित रह जाते हैं. गुरु की कृपा प्राप्त कर नागा साधु उच्च शिखर पर पहुंचते हैं. आइए जानते हैं नागा साधु के खास नियम, जिनका उन्हें जिंदगी भर पालन करना होता है.
सहनशीलता और मेलजोल
सर्दी हो या गर्मी नागा साधुओं को बिना वस्त्र के और एक ही दिनचर्या के साथ इन्हें सहन करना होता है. हर परिस्थितियों को इन्हें सहना पड़ता है. सहन करने की क्षमता एक नागा साधु के लिए अनिवार्य शर्तों में से एक है. इसलिए नागा साधु हमेशा हर कष्ट के लिए तैयार रहते हैं. योग और तप करते हैं. नागा साधुओं को सभी से मेलजोल रखना होता है. इन्हें अखाड़े में सभी एक साथ एक जैसा जीवन व्यतीत करने से लेकर से किसी से बैर नहीं पालना होता. इस नियम को यह जिंदगी भर निभाते हैं.
सही व्यवहार का नियम
नागा साधु को जीवन भर अपने व्यवहार और आचरण का ध्यान रखना होता है. उन्हें इससे जुड़े नियमों का पालन करना चाहिए. इन्हें हिंसा का पालन तभी अपनाना होता है, जब धर्म पर संकट आया होता है. किसी भी नागा साधु के लिए चोरी, झूठ और धन-संपत्ति के बारे में सोचना वर्जित होता है.
त्याग और संयम का नियम
नागा साधुओं को गृहस्थ जीवन, घर परिवार से लेकर कपड़ों तक का त्याग करना होता है. उन्हें शरीर के प्रति किसी भी तरह के मोह का मन में नहीं होना चाहिए. इन्हें आजीवन कड़े ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है. इतना ही नहीं नागा साधु जिंदगी भर दिन में सिर्फ एक बार भोजन करते हैं.
ध्यान और साधना
नागा साधुओं को हर दिन घंटों तक योग, ध्यान और साधना करनी चाहिए. इनकी कठोर तपस्या नागा साधु के जीवन का एक अभिन्न अंग है. साथ ही साधना के बीच कई दिनों तक उपवास भी किया जाता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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नागा साधुओं को हर स्थिति में करने होते हैं ये 5 काम, उसी के बाद मिलती है गुरु की कृपा