विश्व के सबसे बड़े धार्मिंक उत्सव महाकुंभ की शुरुआत हो गई है. इसमें साधु संतों के साथ ही करोड़ों भक्त शाही स्नान के लिए पहुंच रहे हैं. इसमें स्नान करने से व्यक्ति को पुण्यों की प्राप्ति होती है. भगवान के आशीर्वाद से व्यक्ति के सभी काम बन जाते हैं. सदियों से महाकुंभ के दौरान कल्पवास की परंपरा भी चली आ रही है. कल्पवास का बड़ा महत्व होता है. कुल 21 कल्पवास होते हैं. मान्यता है कि इन कल्पवास से व्यक्ति के जीवन में अमूक चुक बदलाव आते हैं. आइए जानते हैं वो 21 कल्पावास और इनसे जुड़े नियम...

कल्पवास क्या है

कल्पवास का जिक्र रामचरितमानस से लेकर महाभारत जैसे कई धर्म ग्रंथों में मिलता है. इस दौरान महाकुंभ के बीच कल्पवास का महत्व बहुत ज्यादा होता है. साधु संतों के अलावा कई श्रद्धालु और सनातनी महाकुंभ के दौरान कल्पवास के व्रत का पालन करते हैं. कहा जाता है कि कल्पवास करने से 100 वर्षों तक बिना अन्न ग्रहण किए जाने और तप के जितना फल मिलता है. कल्पवास पौष माह के 11 वें दिन से शुरू होकर माघ माह के 12 वें दिन तक चलता है. कल्पवास के बीच सादगीपूर्ण जीवन जिया जाता है. इस दौरान बिना सिलाई वस्त्र धारण किये जाते हैं. इनकी अवधि एक रात से लेकर 12 वर्ष तक हो सकती है. यानी व्यक्ति 1 दिन से लेकर 12 साल या फिर जीवन भर कल्पवास के नियमों का ग्रहण कर सकता है. आइए जानते हैं कल्पावास के नियम क्या हैं...

ये हैं कल्पवास के 21 नियम 

कल्पवास के 21 नियमों में सबसे पहला और जरूरी नियम है. अपनी इंद्रियों को कंट्रोल करना. हर स्थिति में यसच बोलना और इसका पालन करना. इसके साथ अहिंसा का पालन करना. ब्रह्मचर्य के व्रत का पालन करना. मनुष्य से लेकर जीव-जंतुओं के प्रति दयाभाव रखना. हर दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सही दिनचर्या का पालन करना. किसी भी तरह का व्यसन न करना. हर दिन सुबह दोपहर और शाम यानी 3 पहर स्नान करना. पितरों के प्रति आदर प्रकट करना और उनका पिंडदान करना. सुबह और शाम के समय ध्यान करना. मन ही मन जप करना. दान करना, किसी भी व्यक्ति की निंदा न करना. सत्संग करना, साधु संन्यासियों की सेवा करना. दिन में एक बार भोजन करना. जमीन पर सोना. देवी देवताओं का पूजन करना. अग्नि का तप ग्रहण न करना. संकल्प लेकर जिस जगह आप हैं, उससे बाहर नहीं जाना. 

कल्पवास के नियमों का पालन करने पर मिलते हैं ये फल

कल्पवास के नियम बहुत ही सख्त होते हैं. इनका पालन व्रत करने पर व्यक्ति को वैसे ही विशेष फलों की प्राप्ति होती है. भगवान से लेकर पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. व्यक्ति के जीवन में सुख शांति का संचार होता है. विवेक, बुद्धि और बल बढ़ता है. जीवन में कई अलौकिक अनुभव मिलते हैं. कल्पवास के नियमों को श्रद्धापूर्वक पूर्ण करने वाले भक्तों के जीवन में कई तरह के चमत्कार भी देखने को मिलते हैं. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)   

खबर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें  हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Url Title
Mahakumbh 2025 kalpwas ke niyam and rules of kalpwas mehatav and importance of kalpwas 21 rules
Short Title
महाकुंभ में कल्पवास के दौरान निभाने होते हैं ये 21 कठोर नियम, तन-मन-धन
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Kalpwas Rules And Importance
Date updated
Date published
Home Title

महाकुंभ में कल्पवास के दौरान निभाने होते हैं ये 21 कठोर नियम, तन-मन-धन हर क्षेत्र में नजर आता है बदलाव

Word Count
528
Author Type
Author