डीएनए हिंदीः मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रतलाम जिले में एक ऐसा अनोखा मंदिर है जहां लोगों को प्रसाद के रूप में आभूषण दिया जाता है. वैसे तो मंदिरों में भक्तों को प्रसाद के रूप में मिठाई या कुछ खाने वाली चीजें दी जाती हैं लेकिन रतलाम में स्थित मां महालक्ष्मी (Mahalakshmi Temple) के इस मंदिर में खासतौर पर भक्तों को प्रसाद के रूप में सोने चांदी के गहने दिए जाते हैं. इसके अलावा यहां लोग सोने-चांदी के आभूषण और रुपया पैसा चढ़ाते भी हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर जो भी भेंट के रुप में चढ़ाया जाता है वो उसी साल के अंत में दोगुनी हो जाती है. इसलिए दिवाली से पहले लोग यहां पर पूरी श्रद्धा के साथ नोटों की गड्डियां और आभूषण लेकर आते हैं और मां महालक्ष्मी को चढ़ाते हैं.
दिवाली में सजाया जाता है मंदिर (Madhya Pradesh Ratlam Mahalaxmi Temple Grand Decoration)
दिवाली के मौके पर इस मंदिर की सजावट को देखकर आप हैरान हो जाएंगे, रिकार्ड देखा जाए तो इस मंदिर में सजावट के लिए लगे आभूषणों और नोटों की कीमत लगभग 100 करोड़ रुपए तक पहुंच जाता है. आप सोच रहे होंगे मंदिर की सजावट के लिए इतना सारा धन कहां से आता है तो आपको बता दें कि यह धन मंदिर के सजावट के लिए श्रद्धालु देते हैं, जो बाद में उन्हें वापस कर दिया जाता है. भक्त जो धन देते हैं उसकी बकायदा एंट्री भी की जाती है और टोकन दिया जाता है. जिसके बाद भाई दूज के दिन टोकन वापस देने पर इसे वापस भी लिया जा सकता है.
यह भी पढ़ें: छोटी दिवाली पर पुराने दीये से होती है यमराज की पूजा, जानें नियम और विधि
प्रसाद के रूप में मिलते हैं आभूषण
इस मंदिर की खास बात यह है कि दिवाली के दौरान जो भी भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं उन्हें प्रसाद के रुप में आभूषण व नकदी भी दी जाती है. ऐसे में इस प्रसाद को लेने के लिए भक्त दूर-दूर से यहां पर आते हैं. श्रद्धालु इस प्रसाद को शगुन मानकर अपने पास रखते हैं और कभी भी इसे खर्च नहीं करते बल्कि संभालकर रखते हैं.
यह भी पढ़ें: Dhanteras Katha : तो इसलिए धनतेरस पर सोना खरीदने की है परंपरा, पढ़ें ये पौराणिक कथा
धनतेरस के दिन खुलते हैं कपाट
इस मंदिर का कपाट साल में केवल एक ही दिन धनतेरस के शुभ अवसर पर खुलता है. कपाट खुलने के बाद दिवाली के बाद तक ये कपाट खुले रहते हैं. इस दौरान पांच दिन तक यहां दिवाली का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में जो भी अपने आभूषणों को महालक्ष्मी के श्रंगार के लिए लाता है उसके घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. यहां महिलाओं के खासतौर पर प्रसाद के रुप में श्रीयंत्र, सिक्का, कौड़ियां, अक्षत, कंकूयुक्त कुबेर पोटली दी जाती है, जिन्हें घर में रखने सुख-शांति बनी रहती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर
- Log in to post comments
महालक्ष्मी के इस मंदिर में प्रसाद में मिलते हैं सोने-चांदी के गहने, दिवाली में नोटों से सजता है मंदिर