डीएनए हिंदी: Navratri Third Day, Maa Chandraghanta Puja Vidhi- नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है, मां चंद्रघंटा बहुत ही शांतप्रिय देवी हैं, इन्हें सफेद रंग बहुत पसंद है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता चंद्रघंटा को राक्षसों की वध करने वाला कहा जाता है, ऐसा माना जाता है मां ने अपने भक्तों के दुखों को दूर करने के लिए हाथों में त्रिशूल,तलवार और गदा रखा. माता चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र बना हुआ है,जिस वजह से भक्त मां को चंद्रघंटा कहते हैं. मां अपने बच्चों के सारे दुख हर लेती है. आईए जानते हैं कैसे करें मां की पूजा, क्या भोग चढ़ाएं, विधि क्या है, आरती और स्तुति कैसे करें
कैसे करें पूजा-अर्चना (How To Do Puja Vidhi)
नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की ऊं देवी चन्द्रघण्टायै नमः का जाप कर आराधना करनी चाहिए. फिर देवी को सिंदूर, अक्षत,गंध,पुष्प,धूप अर्पित करना चाहिए, देवी मां को लाल फूल या कोई चमेली का पुष्प अर्पित करना चाहिए.वैसे मां को सफेद रंग का फूल भी चढ़ा सकते हैं.
यह भी पढ़ें- मां चंद्रघंटा हमें सिखाती हैं, दूसरों की गलतियों का वर्णन ना करें- ब्रह्माकुमारीज
मां चंद्रघंटा को लगाएं ये भोग (Maa Chandraghant Bhog)
मां चंद्रघंटा की पूजा के बाद केसर की खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए.साथ ही,पंचामृत,चीनी व मिश्री भी मां को अर्पित करने से आप पर मां की कृपा बरसेगी, मां को सफेद चीज से बनी मिठाई पसंद है
मां चंद्रघंटा का पूजन समय (Puja Timing)
ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04 बजकर 36 मिनट से लेकर प्रातः 05 बजकर 24 मिनट तक
अमृत काल- रात 09 बजकर 12 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 47 मिनट तक
मां चंद्रघंटा देवी स्तोत्र (Maa Chandraghanta Devi Stotra)
चंद्रघंटा देवी को प्रसन्न करने में उनके स्तोत्र बेहद कारगर माने जाते हैं. यहां पढ़िए उनका ध्यान और स्तोत्र पाठ...
ध्यान (Navratri Day 3 Dhyan Mantra)
वन्दे वाच्छित लाभाय चन्द्रर्घकृत शेखराम्।
सिंहारूढा दशभुजां चन्द्रघण्टा यशंस्वनीम्॥
कंचनाभां मणिपुर स्थितां तृतीयं दुर्गा त्रिनेत्राम्।
खड्ग, गदा, त्रिशूल, चापशंर पद्म कमण्डलु माला वराभीतकराम्॥
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्यां नानालंकार भूषिताम्।
मंजीर हार, केयूर, किंकिणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वंदना बिबाधारा कांत कपोलां तुग कुचाम्।
कमनीयां लावाण्यां क्षीणकटिं नितम्बनीम्॥
यह भी पढ़ें- देवी के नौ रूपों को पसंद है अलग अलग फूल, हर फूल की अपनी है महिमा
शाम को मां की पूजा करनी चाहिए, आरती और दीपक जलाना चाहिए.
मां की आरती (Devi Aarti)
मां चंद्रघंटा की आरती
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
चंद्र समान तुम शीतल दाती
चंद्र तेज किरणों में समाती।
क्रोध को शांत करने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली।
मन की मालक मन भाती हो।
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।
सुंदर भाव को लाने वाली।
हर संकट मे बचाने वाली।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।
सन्मुख घी की ज्योति जलाएं।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगदाता।
कांचीपुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा।
नाम तेरा रटूं महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी।
यह भी पढ़ें- Durga Stuti Niyam and Timing: नौ दिनों तक सही समय पर करें सप्तशती पाठ, मिलेगा लाभ
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Maa Chandraghanta: शाम को ऐसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा, आरती, मंत्र जाप और जलाएं दीपक भी