डीएनए हिंदी: विश्व भर में अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, नया साल 1 जनवरी के दिन मनाया जाता है. भारत में भी इस दिन ही लोग नया साल मनाते हैं. हालांकि भारतीय संस्कृति के अनुसार, हिंदू नववर्ष (Hindu Nav Varsh 2023) पंचांग के मुताबिक चैत्र माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को मनाया जाता है. इस साल हिंदू नव वर्ष की शुरूआत 22 मार्च 2023 को हो रही है. 22 मार्च को चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को विक्रम संवत 2080 की शुरुआत हो रही है. हिंदू विक्रम संवत 2080 (Vikram Samvat 2080) अंग्रेजी कैलेंडर के वर्ष 2023 से 57 वर्ष आगे है. इस बार नए वर्ष के राजा बुध ग्रह और मंत्री शुक्र ग्रह होंगे. इन दोनों का आपसी संबंध मित्रता का है. ऐसे यह साल काफी अच्छा रहने वाला है. हिंदू धर्म की पूजनीय माता के नवरात्रि की शुरुआत भी इसी दिन से होती है. हालांकि कई बार लोगों के मन में सवाल आता है कि हिंदू नववर्ष (Hindu Nav Varsh 2023) की शुरुआत चैत्र माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से ही क्यों होती है. तो चलिए आज इस बारे में जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष (Hindu Nav Varsh 2023) का प्रारंभ क्यों होता है.
चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को ही हिंदू नववर्ष होने के कारण (Hindu Nav Varsh 2023)
- ब्रह्म पुराण के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी. अनुमान के मुताबिक करीब 1 अरब 14 करोड़ 58 लाख 85 हजार 123 साल पहले चैत्र माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को ही सृष्टि बनी थी. यह कारण भी है कि इस दिन हिंदू नववर्ष मनाया जाता है.
- महापराक्रमी सम्राट विक्रमादित्य ने अपने नाम से संवत्सर की शुरुआत भी चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को की थी. यहीं वजह है कि हिंदू नववर्ष को विक्रमी संवत्सर भी कहा जाता है. इस वर्ष विक्रम संवत को 2079 वर्ष पूरे हो रहे हैं और विक्रम संवत 2080 लग रहा है.
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- हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि में ही नव वर्ष की शुरुआत होती है इसके पीछे कारण है कि यह माह प्रकृति की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. इस समय पेड़ों लताएं और फूल बढ़ने के लिए लगे होते हैं. सुबह के समय में भी मौसम बहुत ही अच्छा होता है. सुबह भौरों की मधुरता भी होती है.
- हिंदू धर्म में चांद और सूर्य को भी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को चंद्रमा की कला का प्रथम दिन होता है. यह दिन ऋषियों मुनियों ने नववर्ष के लिए एकदम उपयुक्त माना है.
- चैत्र माह की शुक्ल पक्ष नवमी तिथि को प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था. इस दिन को रामभक्त रामनवमी के रूप में मनाते हैं. राम जी के जन्म से इस माह का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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चैत्र माह से ही क्यों होती हैं हिंदू नववर्ष की शुरुआत? इसके पीछे है ये खास वजह