डीएनए हिंदी : 614 ईस्वी में मक्का में पैदा हुईं आयशा (Aisha Mohammad) इस्लाम के पैगम्बर मोहम्मद साहब की तीसरी पत्नी थीं. आयशा का इस्लाम के प्रादुर्भाव में ख़ास स्थान माना गया है. आयशा के अबू बक्र पिता मोहम्मद साहब के महत्वपूर्ण समर्थकों में एक थे. माना जाता है कि आयशा बेहद ज़हीन, ख़ुश शक्ल और आला दिमाग़ वाली स्त्री थीं. हजरत मोहम्मद साहब (Prophet Mohammad) उनके इन गुणों के बेहद मुरीद थे. इस वजह से आयशा के साथ के उनके सम्बन्ध को ख़ासा तवज्जो दिया जाता है.
जब क़ुरआन ने आयशा के लिए गवाही दी
कथाओं के अनुसार एक बार किसी धार्मिक दौरे के दौरान आयशा मोहम्मद साहब से बिछड़ गई थीं. उस वक़्त उनकी उम्र तरह साल रही होगी. रेगिस्तान में भटकते हुए उन्हें किसी व्यक्ति ने मोहम्मद साहब तक पहुंचाने में मदद की. मुहम्मद साहब (Mohammad Sahab) के विरोधियो ने आयशा पर उल्टे-सीधे आरोप लगाने शुरू किए. उन आरोपों पर इस्लाम की पवित्र किताब कुर'आन की गवाही दर्ज की गई. कुर'आन में उन लोगों के लिए विशेष दंड का प्रावधान है जो औरतों की गरिमा पर ग़लत आक्षेप लगाते हैं.
मुहम्मद साहब आयशा के ज्ञान का बड़ा सम्मान करते थे और अपने अनुयायियों को जीवन का आधा ज्ञान आयशा से प्राप्त करने की सलाह देते थे. 632 में मुहम्मद साहब की मृत्यु के वक़्त आयशा की उम्र 18 साल थी और उनकी कोई संतान नहीं थी.
कानूनी सलाह में भी Aisha की भागीदारी होती थी
कुर'आन और इस्लाम की ग़ज़ब की ज्ञाता आयशा (Aisha Mohammad) की भागीदारी मोहम्मद साहब (Prophet Muhammad) को कई तरह की सलाह देने में होती थी. अक्सर मोहम्मद साहब और उनके वरिष्ठ सहयोगी आयशा से कानूनी सलाह भी लिया करते थे. इस्लाम के अनुसार आयशा आदर्श स्त्री थीं और स्त्री-पुरुष समानता का वास्तविक प्रतीक भी थीं. अभी भी उनके दर्शन और जीवन मूल्यों की मिसाल दी जाती है.
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(Disclaimer: यह जानकारी प्रचलित कथाओं के आधार पर लिखी गई है. शोध का मुख्य स्रोत इंटरनेट है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Aisha Muhammad : लीजिए मोहम्मद साहब की पत्नी के बारे में पूरी जानकारी