डीएनए हिंदी: हिंदुओं में अगर किसी भी महिला को पीरियड्स (Women Periods) होते हैं तो उसकी जिंदगी रुक सी जाती है, मंदिर तो क्या वो कोई भी शुभ काम नहीं कर सकती. असम में एक ऐसा मंदिर है जहां पीरियड्स के दौरान महिलाएं मंदिर के अंदर जाती हैं.इस मंदिर का नाम कामाख्या शक्तिपीठ है. यह वो मंदिर है जहां पीरियड्स के दौरान देवी की पूजा होती है. यही नहीं इस मंदिर में एक खास तरह का प्रसाद भी दिया जाता है. आज हम आपको इस मंदिर के रहस्य के बारे में बताते हैं और साथ में मंदिर के इतिहास से भी रू-ब-रू कराते हैं.
कामाख्या मंदिर का इतिहास (Kamakhya Temple history in hindi)
कामाख्या मंदिर भारत में सबसे पुराने मंदिरों में से एक है और स्वाभाविक रूप से,सदियों का इतिहास इसके साथ जुड़ा हुआ है. ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण आठवीं और नौवीं शताब्दी के बीच हुआ था.भारतीय इतिहास के मुताबिक,16वीं सदी में इस मंदिर को एक बार नष्ट कर दिया गया था, फिर कुछ सालों बाद बिहार के राजा नर नारायण सिंह द्वारा 17वीं सदी में इस मंदिर का पुन:निर्माण करवाया गया.
कामाख्या मंदिर का रहस्य (Kamakhya temple mystery in Hindi)
कामाख्या मंदिर सभी शक्तिपीठों का महापीठ माना जाता है. इस मंदिर में देवी दुर्गा या मां अम्बे की कोई मूर्ति या चित्र आपको दिखाई नहीं देगी, वल्कि मंदिर में एक कुंड बना है जो की हमेशा फूलों से ढका रहता है. इस कुंड से हमेशा ही जल निकलता रहता है. चमत्कारों से भरे इस मंदिर में देवी की योनि की पूजा की जाती है और योनी भाग के यहां होने से माता यहां रजस्वला भी होती हैं.मंदिर से कई अन्य रौचक बातें जुड़ी हैं.
काली और त्रिपुर सुंदरी देवी के बाद कामाख्या माता तांत्रिकों की सबसे महत्वपूर्ण देवी है. कामाख्या देवी की पूजा भगवान शिव के नववधू के रूप में की जाती है, जो कि मुक्ति को स्वीकार करती है और सभी इच्छाएं पूर्ण करती है.
मंदिर परिसर में जो भी भक्त अपनी मुराद लेकर आता है उसकी हर मुराद पूरी होती है. इस मंदिर के साथ लगे एक मंदिर में आपको मां का मूर्ति विराजित मिलेगी.
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तंत्र-मंत्र साधना के लिए जाना जाता है कामाख्या शक्तिपीठ (Kamakhya Temple significance in Hindi)
मां कामाख्या का पावन धाम तंत्र-मंत्र की साधना के लिए जाना जाता है.कहते हैं कि इस सिद्धपीठ पर हर किसी कामना पूरी होती है. इसीलिए इस मंदिर को कामाख्या कहा जाता है.यहां पर साधु और अघोरियों का तांता लगा रहता है.मंदिर में आपको जगह-जगह पर तंत्र-मंत्र से संबंधित चीजें मिल जाएंगी.अघोरी और तंत्र-मंत्र करने वाले लोग यहीं से इन चीजों को लेकर जाते हैं.
अनोखा प्रसाद दिया जाता है (Kamakhya Mandir Prasad)
दरअसल यहां तीन दिन मासिक धर्म के चलते एक सफेद कपड़ा माता के दरबार में रख दिया जाता है और तीन दिन बाद जब दरबार खुलते है तो कपड़ा लाल रंग में भीगा होता है. जिसे प्रसाद के रूप में भक्तों को दिया जाता है. माता सती का मासिक धर्म वाला कपड़ा बहुत पवित्र माना जाता है. ये मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक है. मां के सभी शक्ति पीठों में से कामाख्या शक्तिपीठ को सर्वोत्तम माना गया है. इस कपड़े को अम्बुवाची कपड़ा कहा जाता है. इसे ही भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है.
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Kamakhya Temple: इस मंदिर में दिए जाने वाले प्रसाद का महत्व सुनकर चौंक जाएंगे आप,जानें मंदिर का रहस्य भी