डीएनए हिंदीः हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. अमावस्या पर स्नान व दान करने से कई लाभ प्राप्त होते हैं. अब 19 मई 2023 यानी कल ज्येष्ठ माह की अमावस्या (Jyeshtha Amavasya 2023) मनाई जाएगी. ज्येष्ठ अमावस्या (Jyeshtha Amavasya 2023) को बहुत ही खास माना जाता है. ज्येष्ठ अमावस्या (Jyeshtha Amavasya 2023) तिथि के दिन शनि जयंती (Shani Jayanti 2023) और वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2023) भी रखा जाता है. इस बार ज्येष्ठ माह की अमावस्या (Jyeshtha Amavasya 2023) तिथि पर गजकेसरी व शोभ योग भी बन रहे हैं. ज्येष्ठ अमावस्या (Jyeshtha Amavasya 2023) पर इन चार काम को करने से सभी संताप मिट जाते हैं. तो चलिए इन चार कार्य के बारे में जानते हैं.
ज्येष्ठ अमावस्या पर इन चार कार्य से मिट जाएंगे संताप (Jyeshtha Amavasya 2023)
शनि दोष से मुक्ति के उपाय
ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि का जन्म हुआ था. इसे शनि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन शनि की विधि-विधान से पूजा व दान करने से जातक को शनि दोष, महादशा, ढैया और साढ़ेसाती से मुक्ति मिलती है.
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पितृ तर्पण
अमावस्या तिथि को पितरों के तर्पण के लिए खास माना जाता है. पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से संताप मिट जाते हैं और जातक को जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है.
वट सावित्री व्रत
इस दिन वट सावित्री व्रत भी रखा जाता है. महिलाएं यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए रखती है. इस दिन यमदेव की पूजा करने व दान-दक्षिणा देने भी लाभ मिलते हैं.
सूर्य देव व पीपल वृक्ष की पूजा
भगवान विष्णु की कृपा के लिए ज्येष्ठ अमावस्या पर पीपल के वृक्ष की जड़ में जल अर्पित कर पूजा करनी चाहिए. अमावस्या पर जलाशय व नदी में स्नान कर सूर्य को अर्घ्य देने से भी लाभ मिलता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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आज है ज्येष्ठ माह की अमावस्या, संताप मुक्ति के लिए करें ये 4 काम, सुख-समृद्धि से भर जाएगा घर