Jaya Ekadashi 2025 Date: हिंदू धर्म में सभी तिथियों में सबसे बड़ा ज्यादा महत्व एकादशी तिथि का है. हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एक एक एकादशी आती है. एकादशी व्रत और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के सभी पापदोष मिट जाते हैं. इस बार एकादशी माघ मास के शुक्ल पक्ष 8 फरवरी 2025 को है. इस दिन जया एकादशी व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. हर काम में सफलता मिलती है. जीवन में आने वाली समस्या और बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है. वहीं आपको बता दें कि इस व्रत में खानपान के नियमों का पालन बहुत जरूरी होता है. नियमों की अनदेखी करने पर पूजा और व्रत का लाभ नहीं मिलता. आइए जानते हैं किस दिन, कब और कैसे रखा जाएगा जयाएकादशी व्रत और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए...
रवियोग में रखा जाएगा एकादशी व्रत
माघ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी तिथि को जया एकादशी कहा जाता है. सभी तिथियों में इसका बड़ा महत्व है. इस बार रवि योग में एकादशी की शुरुआत होने से जया एकादशी की विशेषता और बढ़ गई है. एकादशी तिथि की शुरुआत 07 फरवरी को रात 09 बजकर 27 मिनट से होगी. यह अगले दिन 08 फरवरी को रात 08 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि को आधार मानते हुए जया एकादशी व्रत 8 फरवरी 2025 को रखा जाएगा. वहीं जया एकादशी पर व्रत का पारण 9 फरवरी 2025 को सुबह 7 बजकर 4 मिनट पर किया जाएगा.
यह है जया एकादशी का शुभ मुहूर्त
जया एकादशी पर 4 अलग अलग शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. इनमें भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के सभी पाप दोष मिट जाते हैं. इनमें सबसे पहला शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर 6 बजकर 13 मिनट तक रहेगा. वहीं विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 26 मिनट से 3 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. गोधूलि मुहूर्त शाम 6 बजकर 3 मिनट से शुरू होकर 6 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. निशिता मुहूर्त रात 12 बजकर 9 मिनट से 1 बजकर 1 मिनट तक रहेगा.
इस शुभ योग का हो रहा है निर्माण
पंचांग के अनुसार, इस बार जया एकादश पर रवि योग का निर्माण हो रहा है. यह योग बेहद शुभ है. इस योग में व्रत का संकल्प लेने और पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के सभी पाप दोष मिट जाएंगे. भगवान की कृपा प्राप्त होगी. मान्यता है कि इस योग में पूजा करने से व्यक्ति को दोगुना पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. वहीं पूजा अर्चना के साथ ही जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु का मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जप करें.
ये हैं एकादशी व्रत और पूजा के नियम
जया एकादशी का व्रत और पूजा में नियमों का खास ध्यान रखना चाहिए. इसमें गलती होने पर व्रत और पूजा का लाभ नहीं मिल पाता है. इसलिए एकादशी पर भूलकर भी तामसीक भोजन नहीं करना चाहिए. इस दिन भूलकर भी मांस या मदिर का सेवन न करें. इसके साथ ही निर्जल व्रत रखने प्रभु की कृपा प्राप्त होती है. एकादशी भूलकर भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. अगर संभव होतो अनाज और नमक भी न खाएं. वहीं व्रती शकरकंद के अलावा कुट्टू के आटे से बनी रोटी खा सकते हैं.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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इस योग में रखा जाएगा रवि एकादशी व्रत, जानें तारीख से लेकर पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और नियम