डीएनए हिंदी: अपमान का घूंट जहर के समान होता है. यह बेचैन कर देता है. इसे सहना भी गलत है, लेकिन कुछ लोगों के अपमानित करने पर उन्हें पलकटकर जवाब नहीं देना चाहिए. उनके द्वारा अपमान में ही कहीं गई, बातों को महसूस कर अमल में लाने से ही आपका भाग्य बदल सकता है. इसका विशलेषण शिवपुराण वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने किया है. उन्होंने बताया है कि आखिर क्यों हमें इन चार लोगों के अपमान का बदला नहीं लेना चाहिए...
इन लोगों का अपमान सहना अच्छा होता है
माता- पिता
अगर आपके माता पिता आपको डांटते हैं फटकारते हैं तो इसका बुरा न मानें. इसे नकारात्मक रूप से बिल्कुल भी न लें. क्योंकि उनकी डांट आपकी भलाई और भाग्योदय के लिए बनी है. उनकी बातों पर अमल करने से सिर्फ आपका भला ही होगा.
शिक्षक
जीवन में शिक्षक से बड़ा कोई नहीं होता. मां बाप के बाद गुरु ही एक ऐसा होता है, जो आपका भला सोचता है. वह आपको शिक्षा देने के साथ ही सही और गलत के बीच फर्क बताता है. ऐसे में शिक्षक से किया हुआ अपमान भी सह लेना चाहिए. उनकी कही बातों पर पलटकर जवाब देने की जगह क्षमा मांगना ही आपके लिए सबसे बेहतर हो सकता है. गुरु की डांट भी आपको तरक्की की तरफ लेकर जाती है.
मंदिर के पुजारी
मंदिर में कभी भी पुजारी से बहस न करें. उनके भला बुरा बोलने पर भी पलट जवाब या लड़ाई न करें. उनकी कहे शब्दों को अपमान के रूप में लेने की जगह अनसुना कर दें. इन लोगों की बातों को बुरा मानना आपके मन को तो अशांत करता ही है. सही रास्ते से हटा भी देता है. इन लोगों का अपमान करने से भगवान भी प्रसनन होते हैं.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर
- Log in to post comments
इन 4 लोगों के अपमान करने पर कभी न हो नाराज, बात मानने से हो जाता है भाग्योदय