डीएनए हिंदी: ब्रह्मस्थान (Brahmasthan) घर का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है क्योंकि इस स्थान से पूरे घर की सुख-शांति और उत्थान जुड़ा होता है. वास्तु ही नहीं ज्योतिष में भी ब्रह्मस्थान को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. घर का केंद्रीय और पवित्र ब्रह्मस्थान ही होता है.
ब्रह्मस्थान को लेकर वास्तु में बहुत सी बातें लिखी हैं क्योंकि इस स्थान को नजरअंदाज करने या इस स्थान पर कुछ भी रखने से इसके बुरे प्रभाव घर के मुखिया पर पड़ते हैं और इससे पूरा परिवार प्रभावित होता है. यह वह स्थान हैं जहां हर शुभ काम करना सफलता देता है.
यह भी पढ़ें :राशि से जानें कौन हैं आपके इष्ट देव, इनकी आराधना के बिना ईश्वर की पूजा होती है अधूरी
कैसे करें ब्रह्मस्थान की पहचान?
ब्रह्मस्थान वह स्थान होता है, जहां दिशाएं मकान के केंद्र में मिलती है. इससे दिशाओं में पॉजिटव एनर्जी का संचार होता है. ब्रह्मस्थान को पहचाने के लिए घर में भूखंड को पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक 8 भागों में विभाजित कर दें और भूखंड के केंद्र में चार वर्ग स्थान जो है वह ब्रह्मस्थान होगा.
यह भी पढ़ें : Puja Tips : पूजनीय शंख को बजाना होता है वर्जित, जानें कारण और पूजा के नियम
ब्रह्मस्थान से जुड़े ये नियम भी जानें
- वास्तु के अनुसार ब्रह्मस्थान (Brahmasthan) को हमेशा ईशन कोण यानि देवताओं के स्थान के समान साफ–सुथरा और पवित्र बनाए रखना चाहिए.
- ब्रह्मस्थान थोड़ा ऊंचा होना चाहिए वहां पानी रुकना नहीं चाहिए.
- ब्रह्मस्थान पर चप्पल–जूते आदि नहीं रखनी.
- ब्रह्मस्थान को खाली रखना चाहिए, वहां कभी ज्यादा भारी समान नहीं रखना चाहिए.
- ब्रह्म स्थान को खुला रखना चाहिए, ताकि सकारात्मक उर्जा के प्रवाह में बाधा नहीं आए.
- ब्रह्मस्थान में बीम, मेहराब और भण्डार कक्ष का निर्माण नहीं करना चाहिए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है. )
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर
- Log in to post comments

घर के ब्रह्मस्थान से जुड़ी हैं ये मान्यताएं, जानिए कहां होती है ये जगह
Vastu Tips: घर का ब्रह्मस्थान होता है बेहद खास, कैसे करें इस जगह की पहचान