दिवाली के दूसरे दिन 'अन्नकूट' मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार 02 नवंबर को मनाया जाएगा. अन्नकूट का अर्थ है 'अनाज का ढेर'. इस दिन योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र का सम्मान करते हुए गोवर्धन पर्वत को अपने बाएं हाथ के नाखून पर उठाकर ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाया था.
अन्नकूट के दिन क्या करें
सुबह स्नान करने के बाद पूजा घर में गोवर्धन पर्वत उठाए हुए खड़े भगवान कृष्ण की तस्वीर रखें और उनकी पूजा करें. पूजा के बाद जमीन पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा बनानी चाहिए. शाम के समय उस देवता की पंचोपचार विधि से पूजा करें और 56 प्रकार के भोजन बनाकर भोग लगाएं.
अन्नकूट के दिन करें गोवर्धन परिक्रमा
गोवर्धन पर्वत मथुरा से 22 किमी दूर है. गिरिराज गोवर्धन को साक्षात् भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप माना जाता है. ये परिक्रमा अनंत पुण्य फल देने वाली और मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली होती है. गोवर्धन परिक्रमा 21 किमी है. रास्ते में राधाकुंड, गौड़ीय मठ, मानसी-गंगा, दान-घाटी, पूंछरी का लौठा आदि कई सिद्ध स्थान पड़ते हैं. उनके दर्शन से भक्त धन्य हो जाते हैं.
आज गोवर्धन परिक्रमा करने का संकल्प लें
वैसे तो अधिकांश भक्त गोवर्धन परिक्रमा कर चुके हैं, लेकिन जिन भक्तों ने अपने जीवनकाल में गोवर्धन परिक्रमा नहीं की है, वे आज अन्नकूट पूजन कर गोवर्धन परिक्रमा करने का संकल्प करें तो शुभ फलदायी होता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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अन्नकूट के दिन जरूर करें गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा, जानें और क्या-क्या करना चाहिए इस दिन